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अब भारत तय करेगा Artificial Intelligence का भविष्य, दिल्ली दिखाएगा दुनिया को राह
भारत 2024 में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Global Partnership On Artificial Intelligence) का तीन दिवसीय (12-14 दिसंबर, 2023 तक) वैश्विक साझेदारी के शिखर सम्मेलन की शुरूआत हो चुकी है।

भारत 2024 में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Global Partnership On Artificial Intelligence) का तीन दिवसीय (12-14 दिसंबर, 2023 तक) वैश्विक साझेदारी के शिखर सम्मेलन की शुरूआत हो चुकी है।
पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GPAI) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, भारत द्वारा अगले वर्ष जीपीएआई शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करने पर प्रसन्नता व्यक्त की, जब पूरी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के बारे में बहस कर रही है। उन्होंने कहा कि एआई (AI) का हर देश पर प्रभाव पड़ा है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। साथ ही, उन्होंने सावधानी के साथ आगे बढ़ने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जीपीएआई (GPAI) शिखर सम्मेलन में चर्चा मानवता की मूलभूत जड़ों को दिशा देगी और सुरक्षित करेगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ग्लोबल एआई एक्सपो (Global AI Expo) का भी अवलोकन किया।

Bharat ke hath me Artificial Intelligence | GPAI Summit 2023
Artificial Intelligence आधारित वैश्विक(Global) शिखर सम्मेलन
भारत में AI पर केन्द्रित ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Global Partnership On Artificial Intelligence) पर वैश्विक साझेदारी को लेकर तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन की शुरूआत हो रही है। इस शिखर सम्मेलन में देशभर से 50 से अधिक जीपीएआई विशेषज्ञ (Experts) और 150 से अधिक वक्ता (Speaker) भाग ले रहे हैं। इस मौके पर युवा एआई (AI) पहल के तहत विजेता छात्र और स्टार्ट-अप (Start-Up) भी अपने एआई मॉडल (AI Model) और समाधान प्रदर्शित करेंगे।
गेम चेंजर की भूमिका में भारत
भारत 2024 में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) की अध्यक्षता कर रहा है। 2020 में जीपीएआई के संस्थापक सदस्यों में से एक भारत दिल्ली में 12 दिसंबर से तीन दिवसीय वार्षिक जीपीएआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। शिखर सम्मेलन में इंटेल, रिलायंस जियो, गूगल, मेटा, एडब्ल्यूएस, योटा, नेटवेब, पेटीएम, माइक्रोसॉफ्ट, मास्टरकार्ड, एनआईसी, एसटीपीआई, इमर्स, जियो हैप्टिक, भाषिनी आदि समेत दुनिया भर के शीर्ष एआई गेमचेंजर्स विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।
क्या है जीपीएआई (GPAI)?
जीपीएआई (Global Partnership On Artificial Intelligence) एक बहुपक्षीय (multilateral) पहल है जिसके हित धारकों का उद्देश्य इससे जुड़े प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अत्याधुनिक शोध और अनुप्रयोग संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) के सिद्धांत और व्यवहार के बीच की दूरी को पाटना है।
GPAI में कुल 29 मेंम्बर्स (Members)
जीपीएआई (GPAI) की शुरुआत जून 2020 में हुई थी। जिसमें 15 सदस्य देश शामिल थे। आज यह संख्या बढ़कर 29 हो गई है। जिसमें 28 सदस्य देश और यूरोपीय संघ शामिल है। जिसका लक्ष्य एआई से संबंधित प्राथमिकताओं पर अत्याधुनिक अनुसंधान और व्यावहारिक गतिविधियों का समर्थन करके एआई (Artificial Intelligence) पर सिद्धांत और व्यवहार के बीच अंतर को पाटना है।
” आज एआई को लेकर दुनिया की सोच एक जैसी हो रही है। लोग एआई से उभरने वाले खतरों, इसके लाभ और संभावनाओं से भलीभांति वाकिफ हैं। पूरा विश्व यह भी चाहता है कि इस पर एक अंकुश अवश्य रहे। इस पर भी कमोबेश सब एकमत हैं कि एआई को लेकर कैसे आगे बढ़ा जाए. इसलिए हमारा उद्देश्य ऐसा साझा बयान तैयार करना है, जिस पर सब सहमत हों। “
अश्विनी वैष्णव
मंत्री, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी, भारत सरकार
Global कंपनियां की भागीदारी
Artificial Intelligence को लेकर आयोजित शिखर सम्मेलन में देशभर से 50 से अधिक जीपीएआई (GPAI) विशेषज्ञ और 150 से अधिक वक्ता भाग ले रहे हैं। इसके अलावा इंटेल, रिलायंस जियो, गूगल, मेटा, एडब्ल्यूएस, योटा, नेटवेब, पेटीएम, माइक्रोसॉफ्ट, मास्टरकार्ड, एनआईसी, एसटीपीआई, इमर्स, जियो हैप्टिक, भाषिनी आदि समेत दुनिया भर के शीर्ष एआई गेमचेंजर्स विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। इसमें युवा एआई पहल के तहत विजेता छात्र और स्टार्ट-अप भी अपने एआई मॉडल और समाधान प्रदर्शित करेंगे।
GPAI के अहम मुद्दे
दुनिया एआई (AI) को लेकर क्या सोच रही है और भारत इसमें क्या योगदान दे रहा है। ये सबसे अहम मुद्दा है, इन्हीं गंभीर पहलुओं पर खासकरके शिखर सम्मेलन में ऐसे मुद्दों पर चर्चा होगी। जिनमें एआई (AI) का इस्तेमाल सामाजिक परिवर्तन को सक्षम करने और स्वास्थ्य देखभाल,पहुंच,जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ कृषि समेत वैश्विक चुनौतियों (Global challenges) का समाधान करने के लिए होगी।
इसके अलावा जलवायु कार्रवाई के लिए एआई (AI) पर भी एक सत्र का आयोजन होगा। एआई और सतत कृषि के नाम से भी एक सत्र का आयोजन होगा। इस सत्र का उद्देश्य स्थिति अध्ययन और सफल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) तैनाती मॉडल के उदाहरणों पर चर्चा करके ग्लोबल साउथ में टिकाऊ कृषि के लिए एआई इनोवेशन का लाभ उठाने के अवसरों की पहचान करना है।
गौरतलब है कि भारत 2024 में जीपीएआई (GPAI) का लीड चेयर है। यही कारण है कि एआई (AI) के क्षेत्र में असाधारण कार्य करने वाले विश्व के दिग्गज इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। शिखर सम्मेलन दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और वैश्विक स्वास्थ्य (Global health), शिक्षा और कौशल (Education and Skill) और डाटा गवर्नेंस (Data Governance) जैसे अत्यंत गंभीर विषयों पर कई सत्र आयोजित किए जाएंगे।