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Artificial intelligence: तो क्या AI से 100% खत्म हो जाएंगी नौकरियां?
Artificial Intelligence (AI) पूरी दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है। वर्तमान में कई अहम क्षेत्रों में जिस हिसाब से AI का चलन बढ़ रहा है, इससे नौकरियों पर खतरा

Artificial Intelligence (AI) पूरी दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है। वर्तमान में कई अहम क्षेत्रों में जिस हिसाब से AI का चलन बढ़ रहा है, इससे नौकरियों पर खतरा भी बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है।
भारत में भी छंटनी शुरु, दिखने लगा प्रभाव
Artificial intelligence का असर अब भारत में दिखने लगा है। देश भर में स्टार्टअप कंपनियां इस साल छंटनियों के कारण सुर्खियों में रहीं। कंपनियों ने फंडिंग की कमी और आर्थिक पुनर्गठन का कारण बता कर हजारों लोगों को नौकरी से निकाला। सिर्फ पेटीएम ही नहीं, बल्कि कई नए टेक स्टार्टअप्स ने भी अपने यहां छंटनी की है। लॉन्गहाउस कंसल्टिंग के डाटा से पता चलता है कि नई कंपनियों ने इस साल लगभग 28,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया। कंपनी का कहना है कि वह अपने ऑपरेशन को एआई-संचालित ऑटोमेशन ((AI-powered automation) के साथ बदल रही है।
कंपनी विकास और लागतों में दक्षता बढ़ाने के लिए दोहराए जाने वाले कार्यों और भूमिकाओं को खत्म कर रही है, जिसके नतीजतन ऑपरेशन और मार्केटिंग (Operation & marketing) में वर्कफोर्स में कटौती हो रही है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो सालों की तुलना में छंटनी की दर तेजी से बढ़ी है। जहां 2021 में इन कंपनियों से केवल 4,080 लोगों को निकाला गया था तो वहीं 2022 में 20,000 से अधिक लोगों को निकाला गया। इस साल केवल छह महीने के भीतर 28,000 लोग अपनी नौकरी खो बैठे।
Artificial intelligence: युवाओं के लिए संकट का दौर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence) जिस तेजी से बढ़ रहा है, बड़ी तादाद में इंसानों के कई काम एआई के जरिए होने लगेंगे, लेकिन इससे नौकरियां भी जाएंगी। असर अब दिखने भी लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी अपने अलग-अलग व्यवसायों को फिर से व्यवस्थित करने की प्रक्रिया में है और इस तरह से कंपनी ने लागत को कम करने के लिए इतनी बड़ी छंटनी की है। इकोनॉमिक टाइम्स ने इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा कि छंटनी पिछले कुछ महीनों में हुई है। फिलहाल, 2023 में किसी भी भारतीय टेक कंपनी की ओर की जाने वाली अब तक की सबसे बड़ी छंटनी बताई जा रही है।
AI का नौकरियां पर दिखने लगा असर
अब ज्यादातर कामों में एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। कंपनियां बिजनस को बढ़ाने में इसका यूज कर रही हैं। कई ऐसे काम हैं जो एआई काफी तेजी से कम समय में पूरे कर रहा है। बीते दिनों इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक एआई से दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।
इन सेक्टरों में नौकरियां जाने की संभावना
Artificial intelligence से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है, सॉफ्टवेयर डेवलेपर्स की नौकरी को एआई से खतरा हो सकता है। एआई ग्राफिक डिजाइनिंग में काफी तेजी से और बेहतर काम करने में पूरी तरह से सक्षम है। ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी एआई से नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा लीगल एंड अकाउंटिंग सर्विस,फाइनेंस,मीडिया,मार्केट रिसर्च एंड एनालिसिस,एचआर रिक्रूटमेंट,टीचर्स,ट्रांसलेटर और कस्टमर सर्विस ऐसे क्षेत्र हैं जहां एआई की मार सबसे ज्यादा पड़ सकती है।

Artificial Intelligence | symbolic photo | Job Security
दुनिया भर में AI का साइड इफेक्ट
ब्राजीलियन मूल के अमेरिकी शोधकर्ता बेन गोएर्त्सेल ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि आने वाले कुछ ही सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसान से 80 प्रतिशत तक नौकरियां ले सकता है। हालांकि उन्होंने कहा है कि यह अच्छी बात होगी। गोएर्त्सेल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में बड़ा नाम हैं और उन्हें एआई गुरु भी कहा जाता है।
56 साल के गणितज्ञ और एक मशहूर रोबोटविज्ञानी गोएर्त्सेल शोध संस्थान ‘सिंग्युलैरिटीएनईटी’ के संस्थापक हैं। उन्होंने यह संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में इंसान जैसी समझ (एजीआई) विकसित करने के लिए शोध करने के वास्ते स्थापित किया था।
गोएर्त्सेल कहते हैं, “अगर हम चाहते हैं कि मशीनें इंसानों जैसी बुद्धिमान हो जाएं और वैसे काम भी कर सकें, जिनके बारे में वे पहले से नहीं जानतीं, तो उन्हें अपनी ट्रेनिंग और प्रोग्रामिंग से ज्यादा बड़े कदम उठाने होंगे। अभी हम वहां नहीं पहुंचे हैं लेकिन ऐसा मानने के कई कारण हैं कि हमें वहां तक पहुंचने में कुछ दशक नहीं बल्कि कुछ साल लगेंगे।”