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अब Diabetes से मिलेगी दुनिया को छुटकारा! इलाज खोजने में बड़ी कामयाबी
Diabetes रोगियों के लिए अच्छी खबर है, अब मधुमेह (Diabetes) का स्थायी इलाज संभव हो सकेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने डायबिटीज का एक ऐसा इलाज खोजा है,

Diabetes रोगियों के लिए अच्छी खबर है, अब मधुमेह (Diabetes) का स्थायी इलाज संभव हो सकेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने डायबिटीज का एक ऐसा इलाज खोजा है, जो अगर कामयाब रहा तो इंसुलिन के टीके लेने की जरूरत नहीं रहेगी।
Diabetes: ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों का रिसर्च
ऑस्ट्रेलिया के बेकर हार्ट इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने शोधपत्र में कहा है कि अपनी रिसर्च के दौरान वे पेंक्रियाटिक स्टेम सेल्स में ऐसे बदला व करने में कामयाब रहे, जिनके बाद कोशिकाएं ज्यादा इंसुलिन पैदा करने लगीं।
मेलबर्न के इन शोधकर्ताओं ने कैंसर की दवाओं का इस्तेमाल किया और इस दिशा में पहले से जारी शोध को आ गे बढ़ाया है।मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकइस दिशा में पहले शोध कर चुके हैं, जिसे बेकर हार्ट के वैज्ञानिक एक कदम और आगे ले जाने में कामयाब रहे।

तेजी से फैलने लगी है Diabetes,भारत में ज्यादा मरीज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में डायबिटीज के 42 करोड़ से ज्यादा मरीद हैं। इनमें से ज्यादातर कम आय वाले देशों में हैं। हर साल यह बीमारी 15 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ती है। पिछले कुछ दशकों से मरीजों की संख्या लगा तार बढ़ रही है।
डायबिटीज के मरीजों की संख्या के मामले में भारत दुनिया के दस सबसे बड़े देशों में है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 95,600 लोगों को टाइप-1 डायबिटीज थी।
Diabetes शोध का शुरुआती दौर, कामयाबी की संभावना
हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि उनकी रिसर्च अभी शुरुआती दौर में है और इसका अगला कदम जानवरों पर ट्रायल के रूप में होगा। लेकिन बेकर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक सैम अल-ओसते ने कहा कि भविष्य में यह इलाज, दोनों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
मेलबर्न के एबीसी रेडियो से बातचीत में उन्होंने कहा, “हमने मरीज की बची हुई पेंक्रियाटिक कोशिकाओं को प्रभावित करने का तरीका खोजा है जिससे उन्हें बीटा कोशिकाओं की तरह इंसुलिन पैदा करना सिखाया जा सके।”
अल-ओस्ता ने कहा कि यह इलाज टाइप-1 डायबिटीज का रास ्ता बदल कर हर वक्त इंसुलिन लेने की जरूरत को खत्म कर सकता है।
Diabetes में कारगर साबित हुई है कैंसर की दवाएं
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज के शरीर में कुदरती तौर पर इंसुलिन पैदा होना बंद या कम हो जाता है। या फिर उनका शरीर हॉर्मोन को उस तरह इस्तेमाल नहीं करता, जैसा उसे करना चाहिए। बहुत से लोगों को इंसुलिन की इस जरूरत को पूरा करने के लिए नियमित तौर पर इंसुलिन के इंजेक्शन लि पड़ते हैं।
बेकर इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में कैंसर की दो दवाओं का इस्तेमाल किया है। ये दवाएं अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रे शन द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। प्रोफेसर अल-ओस्ता ने बताया, “हम इन दवाओं को अलग त रह से इस्तेमाल करने में कामयाब रहे हैं।”
शोध के लिए वैज्ञानिकों ने टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों द्वारा दान किए गए उत्तकों को एक प्लेट में रखा और उन पर कैंसर की दवाओं का इस्तेमाल किया। नेचर पत्रिका के ‘सिग्नल ट्रांसडक्शन एंड टारगेटेड थेरेपी’ में प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक कुछ ही दिनों में वे इंसुलिन पैदा करने लगे। इनमें बच्चों और वयस्कों, दोनों के उत्तक शामिल थे।
अगले 30 साल में स्थिति हो जायेगी भयावह
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसारभारत में 18 वर्ष से ऊपर के लगभग 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज (टाइप-2) से पीड़ित हैं और करीब ढ़ाई करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें यह बीमारी होने का खतरा है। 50 प्रति जागरूक भी न हीं हैं।
एक अध्ययन के अनुसार यह बीमारी 2050 तक दुनिया के 1.3 अरब लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है। भारत के सामने भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। भारत में टाइप 2 डायबिटीज को अब तक बढ़ती उम्र के साथ जुड़ी हुई बीमारी माना जाता है।
‘लांसेट’ पत्रिका में पिछले साल प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि अगले 30 वर्षों में और क्षेत्र में फैल जाएगी। इसके पीड़ितों में से 96 प्रतिशत लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है।
मधुमेह (Diabetes) क्या है?
यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें शरीर के ब्लड में मौजूद ग्लूकोस या शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।। यदि शरीर में पर्याप्त इंसुलिन मौजूद नहीं होता है तो ब्लड कोशिकाओं तक ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता है और यह ब्लड में ही इक्ट्ठा हो जाता है।
इंसुलिन के कारण ग्लूकोज ब्लड के माध्यम से पुरे शरीर में जाता है और उर्जा का संचार होता है। यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है। वहीं जब पैंक्रियाज से उचित मात्रा में एक्टिव इंसुलिन न निकले तो इसकी वजह से ब्लड में ग्लुगोज का लेवल बढ़ने लगता है और फिर इसी स्थिति को मधुमेह, डायबिटीज या शुगर कहा जाता है।
डायबिटीज के प्रकार
आमतौर पर, डायबिटीज के प्रकार को निम्नलिखित तरीके से वर्गीकृत किया जाता है। यह तीन प्रकार के होते हैं:-
- टाइप – 1 डायबिटीज: यह आमतौर पर बच्चों और युवाओं में देखा जाता है और यह स्थिति तब होती है जब शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के खिलाफ हो जाती है और पेंक्रियाज में कोशिकाओं को नष्ट कर देती है वह अंग जो इंसुलिन नामक हार्मोन के उत्पादन के लिए जिम्मेदार है।
- • टाइप-2 डायबिटीज: अक्सर उम्रदराज लोगों में देखा जाता है, यह डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है जहां शरीर इंसुलिन को ठीक से प्रतिक्रिया नहीं देता है।
- • गर्भकालीन डायबिटीज: यह गर्भवती महिलाओं में देखी जाने वाली एक चिकित्सा स्थिति है जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है और प्रसव के बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाता है। प्री-डायबिटीज या बॉर्डरलाइन डायबिटीज एक ऐसी मेडिकल स्थिति है, जहां ब्लड शुगर का स्तर सामान्य सीमा से अधिक होता है, लेकिन यह डायबिटीज में वर्गीकृत नहीं किया जाता है।
मधुमेह (Diabetes) के लक्षण
मधुमेह एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जो ब्लड और यूरीन में ग्लूकोज के उच्च स्तर से जुड़ी होती है। यदि आपका शरीर निम्नलिखित लक्षण दिखाता है, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। मधुमेह के लक्षणों में शामिल है:-
- लगातार पेशाब आना
- अधिक प्यास लगना या डिहाइड्रेशन
- भूख
- वजन कम होना
- थकान
- चक्कर आना
- धीरे-धीरे घाव भरना
- संक्रमण या त्वचा की समस्या
- मतली और उल्टी
- धुंधली दृष्टि
जोखिम
लंबे समय में, उच्च ग्लूकोज स्तर की स्थिति शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे हृदय, किडनी, आंख, तंत्रिका तंत्र आदि से संबंधित जटिलताओं का कारण बनती है।
- डिस्क्लेमरः यह एक जानकारी पर आधारित अंस है, जिसका उद्देश्य पा