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Pelvic Inflammatory Disease: पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन संबंध से बढ़ता है इन्फेक्शन; जाने क्या है उपाय?

Pelvic Inflammatory Disease केवल और केवल असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण ही होता है, ध्यान रहे सेफ सेक्स नहीं करने के वालों में ही पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का रिस्क सबसे ज्यादा होता है। आइए जानते हैं इससे बचाव के उपाय

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Pelvic Inflammatory Disease
Pelvic Inflammatory Disease, Photo credit -Freepik

Pelvic Inflammatory Disease केवल और केवल असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण ही होता है, ध्यान रहे सेफ सेक्स नहीं करने के वालों में ही इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। आइए जानते हैं इससे बचाव के उपाय

कैसे फैलता है Pelvic Inflammatory Disease (PID)

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) महिला प्रजनन अंगों में होने वाला एक तरह संक्रमण या इंफेक्शन है। जब सेक्सुअली ट्रांसमिटेड बैक्टीरिया योनि से होते हुए गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या ओवरीज तक फैल जाते हैं, तभी यह समस्या होती है।

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Pelvic Inflammatory Disease
Pelvic Inflammatory Disease Photo credit -Freepik

Pelvic Inflammatory Disease: बदतर हो जाती है जिंदगी

असल में, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और ओवरीज यानि सभी प्रजनन अंगों में एक या उससे ज्यादा संक्रमण हो सकता है। अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में इंफेक्टेड फ्लूइड जमा हो सकता है, जिससे भविष्य में महिला के लिए कंसीव करना मुश्किल हो जाता है। यहां तक कि महिला के लिए यह कंडीशन स्थाई समस्या बन सकती है। ऐसे में यह जान लेना आवश्यक है कि इस बीमारी का रिस्क किन महिलाओं को ज्यादा रहता है।

Pelvic Inflammatory Disease के लक्षण (symptom)

  • सबसे पहले महिलाओं को पेल्विक एरिया में हल्का दर्द शुरू हो सकता है, जो कि धीरे-धीरे तेज होता जाता है।
  • पीआईडी के कारण वजाइनल डिसचार्ज (vaginal discharge) यानी योनि से बहुत ज्यादा स्राव हो सकता है। वजाइनल डिसचार्ज से गंदी महक भी आ सकती है।
  • सेक्स के दौरान या सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने की समस्या भी देखी जा सकती है।
  • अक्सर महिला को सेक्स के दौरान काफी दर्द महसूस होता है।
  • जिन महिलाओं को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो जाता है, उन्हें कंपकंपी के साथ-साथ बुखार भी हो सकता है।
  • महिलाओं को बार-बार पेशाब आ सकता है और यूरिन पास करने के दौरान काफी दर्द भी होता है।

किसे है ज्यादा खतरा?

  • 25 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं, जो सेक्सुअली एक्टिव हैं, उन्हें पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का खतरा ज्यादा होता है।
  • जो महिलाएं मल्टीपल पार्टनर के साथ सेक्स करती हैं।
  • ऐसे किसी व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाना, जिसके मल्टीपल सेक्सुअल रिलेशनशिप हैं।
  • अगर किसी महिला का सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन का इतिहास रहा हो, तो उन्हें भी Pelvic Inflammatory Disease  होने की संभावना अधिक होती है।

ऐसे करें बचाव

  • एक्सपर्ट की माने तो पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ उपाय आजमाने होंगे-
  • हमेशा सेफ सेक्स करें।  
  • रिस्क कम करने के लिए हमेशा कंडोम का प्रयोग करें।
  • आप अपने सेक्सुअल पार्टनर की सेक्स हिस्ट्री जानने की कोशिश करें।
  • समय-समय पर अपना टेस्ट करवाते रहें।
  • अपने साथ-साथ अपने पार्टनर का भी समय-समय पर टेस्ट करवाते रहें।
  • अगर एसटीआई का रिस्क है, तो डॉक्टर से तुरंत अपाइंटमेंट लें और अपनी जांच करवाएं।

महिलाओं के लिए सतर्कता जरूरी

महिलाओं को योनि की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। लेकिन, साबुन का उपयोग नहीं करना चाहिए। साबुन लगाने की वजह से योनि का पीएच लेवल बिगड़ सकता है। इसके अलावा, साबुन बैड बैक्टीरिया के साथ-साथ गुड बैक्टीरिया को भी खत्म कर देता है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।