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Munna Shukla ने Symbol लेने से पहले ले लिया पंगा, BJP ने जारी किया पुराने मुद्दों का Poster

Munna Shukla Controversy: जिस राज्य में 6 करोड़ 80 लाख से ज्यादा चमार जाति के लोग हो, जनसंख्या का सवा पांच प्रतिशत हिस्सा खुद में समेट के रखता हो, उस राज्य में किसी सवर्ण बाहुबली नेता का ये कहना कि हम चमार थोड़े हैं, इसे महज एक “स्लिप ऑफ़ टंग” समझाना जाना चाहिए, अगर वह माफ़ी मांग लेते हैं तो. लेकिन अभी पार्टी का सिंबल हाथ आया नहीं है कि जुबान का फिसल जाना… राजनीति में सारा खेल बिगाड़ने वाला हो सकता है.
वैशाली लोकसभा सीट से राजद के उम्मीदवार अन्नू शुक्ला के पति मुन्ना शुक्ला का यह बयान सोशल मीडिया पर इतना वायरल हुआ है कि बाहुबली नेता विजय कुमार शुक्ला उर्फ़ मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) को माफ़ी मांगनी पड़ी.

दरअसल राजद से लोकसभा का टिकट लेने पहुंचे मुन्ना शुक्ला कागजी कार्रवाई पूरी ना होने की वजह से सिंबल तो फिलहाल नहीं ले पाए थे लेकिन दलित कम्युनिटी से पंगा जरुर ले लिया. पत्रकारों ने जब वैशाली में भूमिहार वोट बैंक पर सवाल पूछा तो पूर्व लालगंज विधायक और वैशाली के लालू प्रसाद यादव की RJD के उम्मीदवार मुन्ना शुक्ला ने ये जवाब दिया..
Munna Shukla: राजनीतिक अखाड़े के बड़े नाम को गिराने में Social Media का खेल
उसके बाद जो सोशल मीडिया पर भसड़ मची है, वो राष्ट्रीय स्तर पर इतनी फैली कि पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla) को बाकायदा विडियो जारी कर के माफ़ी मांगना पड़ा. वैशाली लोकसभा में दलित वोट कितना महत्वपूर्ण है, इसके गणित का पूरा समीकरण उन्हें मालूम हैं.
Caste Census: भूमिहार से अधिक हैं बिहार में चमार
बिहार में जातीय जनगणना पर आपको कुछ आंकड़ें रिवाइज करवा दिए देता हूं. बिहार में 2022 के जातीय जनगणना के आंकड़ों के अनुसार भूमिहार जाति, जिससे मुन्ना शुक्ला खुद आते हैं, की संख्या 2.86 प्रतिशत है. चमार जाति की संख्या 5.25 प्रतिशत हैं. लालू यादव का राजनीतिक आधार ही पिछड़ों की राजनीति पर टिका रहा है, ऐसे में लालू की पार्टी के उम्मीदवार से ऐसी गलती हो जाए तो पार्टी की नई सोच और स्वभाव पर कई सवाल खड़े हो जाते हैं.
एक बात और गौर करने की है. सवर्ण समुदाय के उम्मीदवार जहां भी टिकट लेकर आये हैं, वहां वह “सर्व धर्म समभाव” की बात करते हैं, लेकिन वहीं दूसरी और उनका ये भी कहना है कि उनकी जाति को नजरअंदाज करना पार्टियों को महंगा पड़ेगा. ये दोनों बातें आपस में Contradictory हैं. वोट आपको सबके चाहिए, लेकिन टिकट आपके जात को ही मिले, नहीं तो महंगा पड़ेगा, इसमें सर्वधर्म समभाव कहाँ? ये तो स्वतः विरोधाभाषी है.

Munna Shukla पर अब BJP भी ले रही है चुटकी
बहरहाल, पूर्व विद्यायक मुन्ना शुक्ला (Munna Shukla Vaishali) ने माफ़ी मांग ली हैं. उन्होंने कहा है कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का बिलकुल नहीं था. फिर भी किसी को बुरा लगा गई तो माफ़ी चाहता हूं. विवाद यहीं थम नहीं रहा. BJP का प्रचार तंत्र काफी मजबूत हैं, मुन्ना शुक्ला के सारे पुराने किस्से उछाले जाने शुरू हो गए हैं. भाजपा के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस तस्वीर को शेयर करते हुए उन्हें बृजबिहारी हत्याकांड और डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड का आरोपी बताया गया है, और लालू यादव के गुंडाराज की याद दिलाई गयी है.

अब देखना ये हैं कि मुन्ना शुक्ला लॉबी इसपर अपनी क्या प्रतिक्रिया रखता है. हालांकि BJP IT Cell ने इस ट्वीट को बाद में डिलीट भी कर लिया। अब क्या लालू यादव के नाम पर सब माफ़ हो जाएगा, या अब दलित, रविदास जाति के लोग अपने अपमान को व्यक्ति या पार्टी से ऊपर रखते हुए इसपर मुखड़ होंगे, ये तो समय बताएगा.
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