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Bihar Lok Sabha 2024 में दिखेगा बाहुबल, शिवहर में IAS फैक्टर, वैशाली में कांटे की टक्कर

Bihar Lok Sabha 2024: बिहार के गोपालगंज जिले के डीएम रहे जी कृष्णैया की 1994 में मुजफ्फरपुर में हुई हत्या की घटना को लेकर आज भी आक्रोश दिखता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुख्य आरोपी बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
इसके साथ ही, इसी घटना के एक अन्य आरोपी मुन्ना शुक्ला भी वैशाली से आरजेडी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। बता दें कि बिहार सरकार द्वारा बिहार जेल मैनुअल में संशोधन के बाद 27 लोगों की रिहाई की अधिसूचना जारी होने के बाद आनंद मोहन जेल से बाहर आये थे। उसके बाद उन्होंने RJD छोड़ी और अब JDU के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.

Bihar Lok Sabha 2024: Anand Mohan की रिहाई को दी गयी है चुनौती
बिहार के राजनीतिक मंच (Bihar Lok Sabha 2024) पर बाहुबली नेताओं के आने-जाने की बातें हर बार चर्चा का विषय बनती रहती हैं। आनंद मोहन की रिहाई के बाद हंगामा मच गया था और इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी। शिवहर से आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद का मुकाबला जेडीयू की रितु जायसवाल से होगा। इत्तेफ़ाक ये है कि आनंद मोहन पर IAS अधिकारी की हत्या का आरोप हैं, तो वही रितु जायसवाल के पति खुद IAS हैं.
बिहार की राजनीति (Bihar Lok Sabha 2024) में बाहुबली नेताओं के आने की चर्चा हर बार होती रहती है। यह बिहार की राजनीतिक दलों के लिए एक मुख्य चुनावी मुद्दा बन जाता है। राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के चयन में ध्यान रखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। मतदाताओं की दृष्टि से भी इस चरण में राजनीतिक दलों का सही चयन बहुत महत्वपूर्ण है।

बिहार की राजनीति (Bihar Lok Sabha 2024) में बाहुबली नेताओं के आने की चर्चा हर बार होती रहती है। यह बिहार की राजनीतिक दलों के लिए एक मुख्य चुनावी मुद्दा बन जाता है। राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के चयन में ध्यान रखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। मतदाताओं की दृष्टि से भी इस चरण में राजनीतिक दलों का सही चयन बहुत महत्वपूर्ण है।
Bihar Lok Sabha 2024: Vaishali उम्मीदवार मुन्ना शुक्ला भी थे Jail में बंद
बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में भी मुन्ना शुक्ला भी जेल में बंद थे। बाद में अदालत द्वारा उन्हें अन्य लोगों के साथ संदेह का लाभ देने के बाद बरी कर दिया गया था। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा घोटाले के आरोपी बृजबिहारी का न्यायिक हिरासत के तहत पटना एम्स इलाज चल रहा था।
राजनीति के जानकार एनके चौधरी बताते हैं कि राजनीति में बाहुबलियों का आना कोई नई बात नहीं है। सभी पार्टियां इसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अधिक या कम हद तक प्रोत्साहित करती हैं, क्योंकि उनके लिए सीटें जीतना महत्वपूर्ण हो जाता है और प्रभावशाली उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलती है। मतदाता इसे कैसे देखते हैं यह महत्वपूर्ण है।

वहीं एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट में लोकसभा और राज्यसभा में अपने उम्मीदवारों के नामांकन के समय जन प्रतिनिधियों द्वारा दायर हलफनामे का विश्लेषण करने के बाद कहा गया था कि बिहार के 73% सांसदों पर आपराधिक आरोप लगे थे। बिहार में लोकसभा की 40 और राज्यसभा की 16 सीटें हैं। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया था कि 2019 में जीतने वाले 40 में से 31 सांसदों पर आपराधिक आरोप लगे थे।
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