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DeepFake Advisory: क्या 2024 में खुद को बचा पाएगा भारत? संकट में आई सरकार हुई सख्त
DeepFake Advisory जारी करने का मतलब एक बड़ें संकट को लेकर सतर्कता,सलाह और सावधानी। जी, हां दुनिया के कई दूसरे देशों की ही तरह भारत भी डीपफेक (DeepFake) के जद में आ गया है।

DeepFake Advisory जारी करने का मतलब एक बड़ें संकट को लेकर सतर्कता,सलाह और सावधानी। जी, हां दुनिया के कई दूसरे देशों की ही तरह भारत में भी डीपफेक (DeepFake) के जद में आ गया है। सबसे ताजा मामला मशहूर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika mandhana) का है।
DeepFake Advisory: सरकार की सख्ती
केंद्र सरकार ने 27 दिसंबर को DeepFake की बढ़ती समस्या को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों को सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन करने की सलाह दी है। इससे पहले भी इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक ए़डवाइजरी जारी कर चुका है।
DeepFake Advisory: सोशल मीडिया पर पैनी नजर
ताजा एडवाइजरी में मंत्रालय ने कहा है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स को आईटी नियमों के तहत बैन कंटेंट को पब्लिश न करने के बारे में जागरूक करना चाहिए। साथ ही कहा गया है कि यूजर्स को फर्जी वीडियो, मैसेज या कंटेंट डालने से रोकने का काम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का है ताकि इससे अन्य यूजर्स को नुकसान ना हो। एडवाइजरी के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स यूजर्स को यह भी बताएंगे कि आईटी कानून के नियम का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
कौन होंगे ज्यादा शिकार?
डीपफेक का शिकार कोई भी हो सकता है, लेकिन महिलाएं खासकर इसके निशाने पर होती हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले लोग साइबर अपराधियों का ज्यादातर निशाना बनते हैं और डीपफेक बनाने वाले सोशल मीडिया से ही लोगों के वॉयस सैंपल और तस्वीरें निकाल लेते हैं।
सरकार की चिंता और चुनौती
नवंबर 2023 में भी केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर डीपफेक वीडियो की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए कहा था। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, “डीपफेक (DeepFake) एक बड़ा मुद्दा है। यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है।”
इससे पहले दिल्ली में ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा, “डीपफेक देश के सामने खड़े बड़े खतरों में से एक है। मोदी के मुताबिक एआई जेनरेटिव वीडियो और तस्वीरों में बढ़ोत्तरी के बीच लोगों को नई तकनीक से सावधान रहने की जरूरत है।“
आईटी एक्ट 2000 को जानें
मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि आईटी नियमों के तहत ऐसी सामग्री के बारे में उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट एवं सटीक ढंग से सूचित किया जाना चाहिए, जिनकी अनुमति नहीं है। यूजर्स के पहली बार पंजीकरण करने के समय भी इसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए। एडवाजइरी के मुताबिक, डिजिटल मंचों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उपयोगकर्ताओं को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और आईटी अधिनियम, 2000 जैसे दंडात्मक प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जाए।
क्या है Deepfake?
डीपफेक (उस ऑडियो, वीडियो, फोटो मीडिया) को कहा जाता है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए छेड़छाड़ कर किसी के चेहरे पर दूसरे का चेहरा लगा दिया जाता है। डीपफेक तकनीक में वास्तविक फुटेज के ऑडियो और वीडियो से छेड़छाड़ की जाती है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर नेताओं और प्रसिद्ध हस्तियों की छवि को धूमिल करने के लिए किया जाता है। हाल ही में कुछ फिल्मी हस्तियों को डीपफेक की मदद से निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। जिसमें एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना डीपफेक का शिकार बनी।
क्या था रश्मिका मंदाना ‘डीपफेक’?
बता दें कि डीपफेक (DeepFake) वीडियो में किसी और महिला के चेहरे पर रश्मिका मंदाना का चेहरा लगा दिया गया था। दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से महिला का चेहरा बदलकर रश्मिका मंदाना जैसा कर दिया गया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मंदाना ने एक बयान में कहा था, “यह ना केवल उनके लिए बल्कि हर किसी के लिए डराने वाला है।”

तकनीक का ऐसा गलत इस्तेमाल किसी के साथ भी हो सकता है। बॉलीवुड अभिनेत्री के साथ हुई घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने भी जांच शुरू की थी और चार लोगों को पकड़ा था। लेकिन पुलिस यह पता नहीं लगा पाई कि इस वीडियो को किसने बनाया है।