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ED के छापे के बाद Company ने दी सफाई , 6.17 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त

2366 करोड़ के ऑर्डर के बाद ED की छापेमारी, जब्त हुई संपत्तियाँ, Company ने दी सफाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए Ahmedabad और Kannauj स्थित एक लिस्टेड कंपनी की तीन अचल संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। यह संपत्तियाँ 6.17 करोड़ रुपये की बताई जा रही हैं। यह मामला Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के तहत दर्ज किया गया है। ED की इस कार्रवाई ने न केवल कारोबारी जगत बल्कि शेयर बाजार में भी हलचल मचा दी है, क्योंकि महज 6 दिन पहले ही इस कंपनी को Domestic और International Markets से 2366 करोड़ रुपये के Order मिले थे।
क्या है पूरा मामला?
Lucknow जोनल ऑफिस की ED Team ने 27 March 2025 को Ahmedabad (Gujarat) और Kannauj (uttar pradesh) में स्थित संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई की। यह संपत्तियाँ Kalptaru Group Companies और उनसे जुड़ी संस्थाओं के नाम पर थीं। ED की इस कार्रवाई के बाद से ही उद्योग जगत में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
ED ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस बारे में जानकारी साझा की। ED के अनुसार, यह संपत्तियाँ कथित रूप से अवैध रूप से अर्जित की गई थीं, और जांच के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के सबूत मिले थे। हालांकि, अभी तक इस मामले से जुड़े अन्य पक्षों की विस्तृत जानकारी सामने नहीं आई है।
Company ने दी सफाई, कहा- ‘हमारा कोई लेना-देना नहीं’
ED की कार्रवाई के तुरंत बाद ही Kalptaru Group Companies की ओर से एक बयान जारी किया गया। कंपनी ने कहा कि उनका उन समूहों से कोई संबंध नहीं है, जिन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है।
Company ने अपने बयान में कहा, “हम पूरी तरह से कानूनी रूप से कार्य कर रहे हैं और हमारी व्यवसायिक गतिविधियाँ पूरी पारदर्शिता के साथ की जाती हैं। कुछ धोखाधड़ी करने वाले तत्वों ने हमारे नाम का दुरुपयोग किया है, जिसकी वजह से यह गलतफहमी उत्पन्न हुई है। हम इस मामले में सभी आवश्यक दस्तावेज़ और जानकारी अधिकारियों को प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।”
2366 करोड़ के ऑर्डर और ED की कार्रवाई का क्या है Connection? महज छह दिन पहले ही इस कंपनी को 2366 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले थे। इनमें घरेलू (Domestic) और अंतरराष्ट्रीय (International) ऑर्डर दोनों शामिल थे।
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह ऑर्डर मिलने की घटना और ईडी की छापेमारी के बीच कोई संबंध है? या फिर यह महज़ एक संयोग है? कई आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि ईडी की कार्रवाई और कंपनी को मिले बड़े ऑर्डर के बीच किसी तरह की कड़ी हो सकती है। हालांकि, जब तक आधिकारिक जांच पूरी नहीं होती, तब तक इस पर कोई ठोस निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
क्या कहता है कानून?
Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के तहत प्रवर्तन निदेशालय को यह अधिकार प्राप्त है कि यदि किसी व्यक्ति या संस्था पर अवैध लेन-देन या काले धन को सफेद करने (मनी लॉन्ड्रिंग) का संदेह हो, तो उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जा सकता है।
इस मामले में, ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियाँ ‘कल्पतरु ग्रुप’ के नाम पर पाई गईं, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में जांच का विषय बनी हैं। अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में किसी भी तरह की अवैध गतिविधियाँ शामिल थीं, तो आगे की कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
शेयर बाजार पर असर
Company पर ED की इस बड़ी कार्रवाई के बाद शेयर बाजार में भी हलचल मच गई है। निवेशकों में चिंता का माहौल है और Company के शेयरों में अस्थिरता देखी जा रही है।
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अगर Company खुद को निर्दोष साबित करने में सफल रही तो उसके शेयरों पर पड़े असर को कुछ समय बाद ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि जांच में अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो इसका कंपनी के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।