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Elon Musk’s Starlink: भारत में जियो और एयरटेल की उल्टी गिनती शुरु!

Elon Musk’s Starlink इंडिया में जल्द ही डेब्यू कर सकता है। टेस्ला के मालिक और अरबपति एलन मस्क की सेटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में प्रदर्शन

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Elon Musk;S Starlink
Elon Musk's Starlink

Elon Musk’s Starlink इंडिया में जल्द ही डेब्यू कर सकता है। टेस्ला के मालिक और अरबपति एलन मस्क की सेटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में प्रदर्शन कर सकेगी। विभाग को अपने शेयरहोल्डिंग पैटर्न को साफ करने के बाद स्टारलिंक को इस हफ्ते भारत सरकार से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। दूरसंचार विभाग (DoT) जल्द ही स्टारलिंक को सशर्त मंजूरी दे सकता है।

भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं लॉन्‍च करने की कोशिश में जुटी एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक (Starlink) को बड़ी कामयाबी मिली है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विसेज प्रदान करने की अनुमति दी गई है। कंपनी कई वर्षों से भारतीय यूजर्स के लिए सर्विस को लॉन्‍च करना चाहती है। एक दफा ने उसने एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी, लेकिन सरकारी इजाजत नहीं मिलने के कारण पीछे हटना पड़ा।

दिलचस्‍प यह है कि वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस नाम की दो कंपनियों को देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड पेश करने के लिए सरकार से जरूरी मंजूरी मिल चुकी है। इस कड़ी में अब स्‍टारलिंक तीसरा नाम बनने जा रही है।

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क्या है स्टारलिंक?

स्टारलिंक, एलन मस्क की एक कंपनी है जो सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज उपलब्ध कराती है। अब ये कंपनी नियामक बाधाओं (regulatory barriers) को दूर करने के बाद भारत में ऑपरेशन शुरू करने के लिए लाइसेंस पाने के लिए तैयार है। इस सर्विस से ग्रामीण और सुदूर इलाकों में रह रहे लोगों को इंटरनेट सेवा मिल सकेगी।

दरअसल, स्टारलिंक को नियामकी यानी रेगुलेटरी (regulatory) मंजूरी जल्द मिलने वाली है। इसके लिए जांच आखिरी स्टेज में हैं। जल्द ही भारत में काम करने का लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। स्टारलिंक से भारत में, विशेष रूप से दूर दराज और ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी में वृद्धि और व्यापक कनेक्टिविटी लाने की उम्मीद है। स्टारलिंक से भारत में, विशेष रूप से दूर दराज और ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी में वृद्धि और व्यापक कनेक्टिविटी लाने की उम्मीद है।

सैटेलाइट-बेस्ड ब्रॉडबैंड को लेकर फंसेगा पेंच

हालांकि, DoT की मंजूरी कंपनी को तुरंत सैटेलाइट-बेस्ड ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने की अनुमति नहीं देगी. स्टारलिंक को अर्थ स्टेशन स्थापित करने के लिए नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर से भी मंजूरी की जरूरत होगी। इन सभी स्वीकृतियों के बाद भी स्टारलिंक, वनवेब और जियो की सैटेलाइट आर्म को सर्विस ऑफर करने के लिए DoT द्वारा उन्हें स्पेक्ट्रम दिए जाने का इंतजार करना होगा। अमेजन की सैटकॉम आर्म – Project Kuiper – भी भारत में GMPCS लाइसेंस की मांग कर रही है।

स्टारलिंक की कितनी होगी स्पीड?

स्टारलिंक आमतौर पर 25 और 220 एमबीपीएस तक की डाउनलोड स्पीड प्रदान करता है, जबकि अपलोड स्पीड आमतौर पर 5 से 20 एमबीपीएस के आसपास होती है। स्टारलिंक वेबसाइट का दावा है कि अधिकांश कस्टमर्स 100 एमबीपीएस से अधिक की डाउनलोड स्पीड का अनुभव ले रहे हैं। इस तरह की स्पीड आमतौर पर टावरों के ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं कराई जाती है। उम्मीद है कि स्टारलिंक 5जी के बजाय 4जी के बराबर स्पीड प्रदान करेगा, क्योंकि यह एक सेटेलाइट आधारित इंटरनेट प्रदाता है।

2022 में लगा था उम्‍मीदों को झटका

साल 2022 में स्‍टारलिंक की उम्‍मीदों को बड़ा झटका लगा था। कंपनी को उम्‍मीद थी कि उसे भारत सरकार से लाइसेंस मिल जाएगा। उसने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए प्री-ऑर्डर्स लेना भी शुरू कर दिया था। 5000 से ज्‍यादा ग्राहकों ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए बुकिंग करा ली थी। कुछ समय बाद बुकिंग अमाउंट रिफंड किया जाने लगा। तब SpaceX की सैटेलाइट इंटरनेट डिवीजन Starlink की ओर से कहा गया कि दूरसंचार विभाग ने उसे ऐसा करने के निर्देश दिए हैं। उसके बाद से अबतक स्‍टारलिंक को भारत सरकार से सर्विसेज शुरू करने के लिए लाइसेंस नहीं मिल पाया है।

खास तौर पर, स्टारलिंक ने 2022 में अपने ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज (GMPCS) लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। मंजूरी मिलने के इसके साथ, यह Jio सैटेलाइट कम्युनिकेशन्स और OneWeb के बाद इस लाइसेंस पाने वाली तीसरी कंपनी बन जाएगी।