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Gastrointestinal Tuberculosis: क्या है pet ke TB और कैसे करें इलाज?

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पेट की टीबी: एक गंभीर लेकिन अनदेखी बीमारी, जानें कारण, लक्षण और बचाव के तरीके
TB ( Tuberculosis) को अक्सर फेफड़ों से जुड़ी बीमारी माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पेट और आंतों को भी प्रभावित कर सकती है? इसे  Gastrointestinal Tuberculosisकहा जाता है, जो पाचन तंत्र के विभिन्न हिस्सों में संक्रमण फैलाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में pet ke TB के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और सही समय पर इलाज न मिलने पर यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकती है।

क्या है पेट की टीबी और कैसे फैलती है?

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pet ke TB  माइकोबैक्टेरियम Tuberculosis नामक बैक्टीरिया के कारण होती है, जो हवा में फैलता है। जब कोई TB संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो ये बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, संक्रमित दूध या अधपका खाना खाने से भी यह बीमारी हो सकती है। आमतौर पर, यदि किसी व्यक्ति को पहले से फेफड़ों की टीबी हो, तो संक्रमण आंतों तक पहुंच सकता है और पेट की टीबी का रूप ले सकता है।

pet ke TB  के लक्षण क्या हैं?

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कोलकाता के जाने-माने गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन डॉ. संजय मंडल बताते हैं कि पेट की टीबी के लक्षण शुरुआती चरण में मामूली होते हैं, लेकिन समय के साथ गंभीर हो सकते हैं।

मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
पेट के अलग-अलग हिस्सों में लगातार दर्द रहना।
• अचानक वजन कम होना और कमजोरी महसूस होना।
• भूख में कमी और पाचन संबंधी समस्याएं होना।
• हल्का बुखार, रात में पसीना आना।
• मल में खून आना या बार-बार पेट खराब होना।
• पेट में सूजन या गैस बनना।
यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो आंतों में ब्लॉकेज, फोड़े या फिस्टुला बनने का खतरा रहता है, जो गंभीर सर्जरी की स्थिति पैदा कर सकता है।
कैसे करें pet ke TB का इलाज?

अगर किसी व्यक्ति को पेट की टीबी के लक्षण नजर आते हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर इन परीक्षणों की सलाह दे सकते हैं:
ब्लड टेस्ट (Mantoux Test या T-Spot TB Test)
• एक्स-रे, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड
• बायोप्सी (संक्रमण की पुष्टि के लिए)
इलाज के लिए डॉक्टर एंटी-टीबी दवाएं (Anti-TB Medicines) लिखते हैं, जो 6 महीने से 1 साल तक लगातार लेनी होती हैं। इलाज बीच में रोकने से संक्रमण और गंभीर हो सकता है, इसलिए दवाएं नियमित रूप से लेना बेहद जरूरी है।

कैसे बचें पेट की टीबी से?

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• खांसते या छींकते समय मुंह ढकें और हाथ धोने की आदत डालें।
• छोटे बच्चों को BCG वैक्सीन जरूर लगवाएं।
• संतुलित आहार लें, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे।
• संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और समय पर इलाज कराएं।
• धूम्रपान और शराब से बचें, क्योंकि ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर कर सकते हैं।

हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाता है ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके। पेट की टीबी भले ही फेफड़ों की टीबी जितनी चर्चित न हो, लेकिन यह उतनी ही खतरनाक हो सकती है। अगर आप या आपके किसी परिचित को इस बीमारी के लक्षण महसूस हों, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज कराएं।