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Gyanvapi Vyas Tahkhana: अब ज्ञानवापी परिसर में होगी पूजा, कोर्ट का आदेश हफ्ते अंदर शुरु कराएं पूजा-पाठ
Gyanvapi Vyas Tahkhana: अब ज्ञानवापी परिसर में होगी पूजा, कोर्ट का आदेश हफ्ते अंदर शुरु कराएं पूजा-पाठ
ज्ञानवापी व्यास जी तहखाना (Gyanvapi Vyas Ji Tahkhana) में हिन्दुओं को पूजा करने का अधिकार मिल गया है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की एक और जीत हो गई है। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की ओर से अब रोज यहां पर पूजा-अर्चना होगी। वाराणसी की जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने (Gyanvapi Vyas Tahkhana) में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया है। नवंबर 1993 तक यहां पर पूजा-पाठ होता रहा था।
Gyanvapi Vyas Tahkhana: 33 साल बाद फिर से होगा पूजा-पाठ
जिला अदालत ने प्रशासन को सात दिन के अंदर बैरीकेडिंग की व्यवस्था करने का भी आदेश दिया है। अपने मुकदमे में हिंदू पक्ष ने एक रिसीवर को नियुक्त करने की मांग की है जो तहखाने में पूजा करवाने का प्रबंध करे। हिंदू पक्ष दावा के अनुसार व्यास तहखाना मस्जिद के नीचे स्थित है। इसी में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। एएसआई सर्वे में इसमें कई अहम हिंदू मंदिर होने के सबूत मिले हैं।
इस फैसले से हिन्दू पक्ष को एक बड़ी जीत दिलायी है। नतीजतन, काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की ओर से अब रोज यहां पर पूजा-अर्चना होगी। नवंबर 1993 तक यहां पर पूजा-पाठ होता रहा था। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि तत्कालीन प्रदेश सरकार ने 1993 में पूजा-पाठ रुकवा दिया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि राज्य सरकार और ज़िला प्रशासन ने बिना किसी कारण तहखाने में पूजा पर रोक लगा दी थी। अब फिर से पूजा-पाठ का अधिकार मिला है।

Gyanvapi Vyas Tahkhana: दिसंबर 1993 तक होती रही है पूजा
अपनी याचिका में हिंदू पक्ष ने दावा किया है, “परिसर की दक्षिण दिशा में स्थित तहखाने में मूर्ति की पूजा होती थी। दिसंबर 1993 के बाद पुजारी श्री व्यास जी को ज्ञानवापी के बैरिकेड वाले क्षेत्र में घुसने से रोक दिया गया। इस वजह से तहखाने में होने वाले राग, भोग आदि संस्कार भी रुक गए।”
Gyanvapi Vyas Tahkhana: व्यास जी तहखाना की परंपरा
इतना ही नहीं हिंदू पक्ष यह भी दावा करता है, “ब्रितानी शासनकाल में भी तहखाने पर व्यास जी के परिवार का कब्ज़ा था और उन्होंने दिसंबर 1993 तक वहां पूजा अर्चना की है।” इसके अलावा दावा के मुताबिक तहखाने का दरवाज़ा हटा दिया गया है और हिंदू धर्म की पूजा से संबंधित सामग्री, प्राचीन मूर्तियां और धार्मिक महत्व की अन्य सामग्री तहखाने में मौजूद है। हिंदू पक्ष तहखाने में पूजा का अधिकार जताते हुए कहता हैं, “आवश्यक है कि तहखाने में मौजूद मूर्तियों की नियमित रूप से पूजा की जाए।”

आखिर कहां है व्यास परिसर का तहखाना (Gyanvapi Vyas Tahkhana) ?
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि भगवान नंदी जहां पर विराजमान हैं, उसके ठीक सामने व्यास परिसर का तहखाना है। यहां 1993 तक पूजा होती थी, लेकिन नवंबर 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इसे अवैध रूप से बंद करा दिया था। साथ ही पूजा करने वाले पुजारियों को हटा दिया गया था।
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेस ऑफ वर्शिप ऐक्ट का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को अस्वीकार करते हुए हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया। 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया था। एएसआई सर्वे के दौरान यहां पर साफ-सफाई हुई थी। व्यास तहखाने के कस्टोडियन वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है।
ज्ञानवापी मामला में अब तक की घटनाक्रम
- 2019: दिसंबर 2019 में अयोध्या राम मंदिर फ़ैसले के क़रीब एक महीने बाद वाराणसी सिविल कोर्ट में नई याचिका दाख़िल करके ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराने की माँग की गई।
- 2020: वाराणसी के सिविल कोर्ट से मूल याचिका पर सुनवाई की माँग की गई।
- 2020: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई और फिर इस मामले पर फ़ैसला सुरक्षित रखा।
- 2021: हाई कोर्ट की रोक के बावजूद वाराणसी सिविल कोर्ट ने अप्रैल में मामला दोबारा खोला और मस्जिद के सर्वे की अनुमति दे दी।
- 2021: मस्जिद इंतजामिया ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और हाई कोर्ट ने फिर सिविल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई और फटकार भी लगाई।
- 2021: अगस्त में पाँच हिंदू महिलाओं ने वाराणसी सिविल कोर्ट में श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति के लिए याचिका दाखिल की।
- 2022: अप्रैल में सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने और उसकी वीडियोग्राफ़ी के आदेश दे दिए।
- 2022: मस्जिद इंतज़ामिया ने कई तकनीकी पहलुओं के आधार पर इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जो ख़ारिज हो गई।
- 2022: मई में मस्जिद इंतज़ामिया ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफ़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।
- 2022: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से पहले 16 मई को सर्वे की रिपोर्ट फ़ाइल की गई और वाराणसी सिविल कोर्ट ने मस्जिद के अंदर उस इलाक़े को सील करने का आदेश दिया, जहाँ शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। वहाँ नमाज़ पर भी रोक लगा दी गई।
- 2022: 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ‘शिवलिंग’ की सुरक्षा वुजूख़ाने को सील करने का आदेश दिया, लेकिन साथ ही मस्जिद में नमाज़ जारी रखने की अनुमति दे दी।
- 2022: 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ये मामला वाराणसी की ज़िला अदालत में भेज दिया, सुप्रीम कोर्ट ने अदालत से यह तय करने को कहा है कि मामले आगे सुनवाई के लायक है या नहीं।
- 2023: 21 जुलाई को बनारस की अदालत ने दिया एएसआई सर्वे का आदेश।
- 2023: अगस्त में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे को अनुमति दे दी।
- 2024: वाराणसी के ज़िला जज ने ज्ञानवापी की एएसआई सर्वे की रिपोर्ट मामले से जुड़े सभी पक्षों को सौंपने के आदेश दिए।