लाइफस्टाइल
Heart Attack : अकारण नहीं है अचानक होने वाली Heart Disease
युवाओं को कम उम्र में Heart attack आना अब सामान्य हो चुका है। इसलिए अगर एक बार Heart Attack आ चुका है तो बार बार सावधानी बरतना जरूरी है।

मौजूदा दौर में प्री मेच्योर हार्ट अटैक (Premature Heart Attack) के आंकड़े चौकाने वाले हैं। युवाओं को कम उम्र में हार्ट अटैक आना अब सामान्य हो चुका है। इसलिए अगर एक बार Heart Attack आ चुका है तो बार बार सावधानी बरतना जरूरी है।
कम उम्र में बढ़ता Heart Attack
कम उम्र में अत्यधिक आपाधापी भरी जिंदगी में कई पहलुओं का उठापटक जारी है। लाइफस्टाइल में बदलाव जहां मनोरंजन, स्टाइल और सोशल मीजिया और न जाने कितने कारक युवाओं को प्रभावित कर रहे हैं। सपनों में जीने वाले युवा अब अपनो से दूर जा रहे हैं। कई मानवीय संवेदना से इतर युवा अपनी जिंदगी जीने की राह पर सरपट लगा रहे हैं। इन्हीं कई कारणों से युवाओं को कम उम्र में ही हार्ट अटैक भी शायद जिंदगी का हिस्सा बन चुका है या यूं कहिए कि Heart Disease अब सामान्य हो चुका है।
बॉलीवुड में कई स्टार्स बेदह कम उम्र में हार्ट अटैक (Heart Attack) का शिकार हुए और इस कड़ी में सेहतमंद 47 वर्षीय अभिनेता श्रेयस तलपड़े को भी इतने कम उम्र में दिल का दौरा पड़ा है, ऐसी खबरें एक आम आदमी को काफी परेशान कर रही है। नतीजतन,कम उम्र में दिल का दौरा पड़ना अत्यंत अप्रत्याशित (unexpected) है। इसलिए अगर एक बार Heart Attack आ चुका है तो खासकर आपको पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।
ज्यादातर मौत की वजह है हार्ट अटैक
जब किसी युवा व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाती है, तो अक्सर इसका दोष दिल के दौरे को दिया जाता है। लेकिन 18 से 35 वर्ष की उम्र के अमेरिकी सैन्य में 126 अचानक मौतों का अध्ययन एक अलग कहानी बताता है। इनमें से लगभग आधी दुखद मौतें किसी भी प्रकार के हृदय रोग के कारण हुईं, और इनमें से केवल 28% को कोरोनरी एथेरोस्क्लेरोसिस था।
यह अभी भी इस युवा आबादी में एक चौंकाने वाली व्यापकता है, लेकिन यह अन्य प्रकार के हृदय रोगों से प्रभावित है, जिसमें कोरोनरी धमनी शरीर रचना की जन्मजात असामान्यताएं (33%), हृदय की मांसपेशियों की सूजन (20%), और हृदय की मांसपेशियों की संरचनात्मक असामान्यताएं शामिल हैं। (13%)। कई अन्य हृदय संबंधी असामान्यताएं कुछ अतिरिक्त मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।

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युवाओं में Heart Disease का बढ़ता खतरा
एक्सपर्ट की राय में उम्रदराज लोगों में लगभग सभी दिल के दौरे (Heart Attack) कोरोनरी धमनियों में एथेरोस्क्लेरोटिक रुकावटों के कारण ही होते हैं। युवा वयस्कों में लगभग 6% दिल के दौरे के लिए समस्याओं की एक लंबी श्रृंखला जिम्मेदार है। उनमें कोरोनरी धमनियों की ऐंठन या सूजन (spasm or inflammation of the coronary arteries), छाती के ट्यूमर के लिए विकिरण चिकित्सा (radiation therapy), छाती का आघात (chest trauma), और कोकीन (cocaine), एम्फ़ैटेमिन (amphetamines) या अन्य दवाओं (other drugs) का दुरुपयोग शामिल है।
Heart Attack के कई कारण
दुनिया भर के अन्य अध्ययन भी इसी तरह के निष्कर्षों की पुष्टि करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि संरचनात्मक रूप से सामान्य हृदय वाले रोगियों में अचानक होने वाली कई मौतों के लिए हृदय की पंपिंग लय के मौन, अज्ञात विकार जिम्मेदार हैं। अन्य कारणों में नशीली दवाओं का दुरुपयोग, रक्त के थक्के जो फेफड़ों तक जाते हैं, और मस्तिष्क के रक्तस्राव भी शामिल हैं।
प्रीमेच्योर (Premature) हार्ट अटैक के कारण
Heart Attack जैसी जटिल बीमारी में जेनेटिक्स हिस्टरी (Genetics History) सबसे अहम कारणों में से एक है। यदि आपके परिवार में समय से पहले हृदय रोग का इतिहास है कम उम्र में दिल के दौरा का सामना करना पड़ सकता है। यदि परिवार में ऐसा इतिहास है तो व्यक्तियों को अपने हृदय के हेल्थ को लेकर विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड शुगर और हाई कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे दिल के दिल के दौरे की आशंका को बढ़ाता है।
इसके अलावा तनाव, धूम्रपान, शराब का सेवन, और खराब खान-पान आदि अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट में अनकंफर्ट होना, सांस लेने में तकलीफ होना, हर वक्त थकान महसूस होना जैसे हार्ट की समस्याओं को नजरअंदाज करना एक भी हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ा देता है।

एक्सपर्ट्स की राय
एक्सपर्ट्स के अनुसार लोगों के मन में ये बहुत बड़ा मिसकंसेप्शन हैं कि दिल का दौरा (Heart Attack) सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को ही आता है, लेकिन सच्चाई ये है हार्ट अटैक आने का कारण सिर्फ उम्र का बढ़ना नहीं होता है। ये रहन सहन का तरीका और जेनेटिक हिस्ट्री पर भी निर्भर करता है। इतना ही नहीं और भी कई छोटे छोटे कारण हैं जो समय से पहले हार्ट अटैक के लिए जिम्मेदार होते हैं।
खुद रहना होगा सतर्क
जो लोग कम उम्र में हार्ट अटैक जैसी बीमारी से परेशान हैं कम उम्र में एक बार दिल का दौरा पड़ने के बाद कार्डियोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी समस्या को समझें और उससे निपटने के लिए ट्रीटमेंट प्लान करें। अपने खान पान में बैलेंस डाइट को शामिल करें, रोज योग करें, तनाव कम लें और धूम्रपान छोड़ दें। साथ ही डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार का पालन करें। क्योंकि ये मेडिकेसन हाइपरटेंशन (Medication Hypertension),कोलेस्ट्रॉल( cholesterol) और डायबिटीज (Diabetes) के रिस्क को कम करने में मदद करता है।