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Land Scam: सोरेन पर ED का शिंकजा, चंपई और झारखंड की बागडोर!
Land Scam के मामले में 31 जनवरी की तारीख झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए किसी भूकंप से कम नहीं रहा, उनकी सत्ता हिल गई और वे फिलहाल कथित भूमि घोटाले के आरोप में

Land Scam के मामले में 31 जनवरी की तारीख झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए किसी भूकंप से कम नहीं रहा, उनकी सत्ता हिल गई और वे फिलहाल कथित भूमि घोटाले के आरोप में ईडी की गिरफ्त में हैं। ऐसे में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन नये मुख्यमंत्री होंगे,हालांकि सरकार बनाने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
Land Scam: हेमंत सोरेन ईडी के गिरफ्त में
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी द्वारा लगभग सात घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा और उसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

Land Scam: चंपई सोरेन होंगे नए मुख्यमंत्री
सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। नेता का चुनाव होने के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में सत्ताधारी दल के विधायकों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। सत्ताधारी दल ने कुल 47 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा।
47 विधायकों के समर्थन का दावा
राज्य में सरकार बनाने के लिए 81 सदस्यों की विधानसभा में 41 विधायकों का समर्थन चाहिए। चंपई सोरेन ने कुल 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया जो कि बहुमत से अधिक है। हालांकि, राज्यपाल ने कहा है कि वह इस संबंध में पूरी जांच पड़ताल कर फैसला लेंगे। अभी तक राज्यपाल ने चंपई सोरेन को सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दिया है।
अब तक तीन मुख्यमंत्री हो चुके हैं गिरफ्तार
हेमंत सोरेन झारखंड के ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री हैं जो गिरफ्तार हुए हैं। इससे पहले हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा भी गिरफ्तार हो चुके हैं। मधु कोड़ा आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार हुए थे।
इसके अलावा शिबू सोरेन को उनके निजी सचिव के अपहरण और हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन सबूतों की कमी के कारण उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।
हेमंत सोरेन पर क्या हैं आरोप?
600 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन ईडी के सात समन पहले टाल चुके थे। वह कुछ समय से गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे।
ईडी ने आरोप लगाया है कि भूमि घोटाले में सरकारी जमीन का स्वामित्व बदलने और उसे बिल्डरों को बेचने का एक “बड़ा रैकेट” शामिल है। इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के डिप्टी कमिश्नर भी रह चुके हैं।
पिछले साल जांच एजेंसी ने इस मामले में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिनमें झारखंड कैडर के आईएएस छवि रंजन के ठिकाने भी शामिल थे।
इस कथित घोटाले के संबंध में ईडी के समन के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही मिली। सोरेन को ईडी का पहला समन अगस्त 2023 में जारी हुआ था।

कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन जेएमएम के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी और अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय रह चुके हैं। साल 2010 में चंपई बीजेपी में शामिल हो गए थे और अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। बाद में वह जेएमएम में वापस आ गए।
मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन का मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव विकल्प के तौर पर नहीं बल्कि मजबूरी के रूप में किया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि पहले हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे।
पिछले दिनों जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था, ताकि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बने तो खाली सीट से चुनाव लड़कर विधायक बन सके। लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जेएमएम विधायक और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मुख्यमंत्री पद के लिए कल्पना का नाम आते ही विरोध शुरू कर दिया। इसके साथ ही जेएमएम के अंदर भी यह चर्चा होने लगी कि अगर कल्पना सोरेन पद संभालती हैं और परिवार के अंदर ही विरोध होता है तो लोकसभा चुनाव के पहले इसका गलत संदेश जाएगा।