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Nitish की नौकरी पर प्रशांत का प्रहार, 25 हजार से ज्यादा को नहीं मिली नौकरी

अब तक बेरोजगारी का ठप्पा ढो रहे बिहार को CM Nitish Kumar ने बड़ी सौगात देने का काम किया है। 2 नवंबर को पटना के विश्व प्रसिद्ध गांधी मैदान में 1.2 लाख अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इस घोषणा के साथ ही बिहार में राजनीति शुरू हो चुकी है और अब इसमें जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर भी कूद पड़े हैं।
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का कहना है कि सही सही आंकड़े देखें जाए तो बिहार में अब तक महज 20 से 25 हजार लोगों को हो नौकरियां मिली है। प्रशांत किशोर ने दावा किया है और कहा है कि सरकार को नियुक्ति पत्र देने दीजिए। उसके दो तीन दिन बाद वो अपना एक आंकड़ा जारी करेंगे।
Nitish Kumar के द्वारा नियुक्ति पत्र दिए जाने के कुछ ही दिनों बाद Prashant Kishor अपने एक सर्वे का आंकड़ा जारी करेंगे। उन्हीं आंकड़ों के अनुसार प्रशांत ने यह दावा किया है कि बिहार में दिए गए नौकरियों का आंकड़ा यदि सही से प्रकाशित किया जाए तो यह महज 20 से 25 हजार तक में सिमट जायेगा।
Prashant Kishor की बातों में कितना दम?
प्रशांत किशोर एक राजनीतिक रणनीतिकार रहे हैं। उनकी कही बातें निराधार नहीं होती है। यदि वो ऐसा कह रहे हैं तो इसके पीछे जरूरी कोई ना कोई ठोस प्रमाण होना अवश्यंभावी हैं। हालांकि प्रशांत ने खुद ही स्पष्ट कर दिया कि अगर दी जा रही नौकरियों में से पहले से नौकरी कर रहे अभ्यर्थियों और बाहरी राज्यों से बिहार में नौकरी करने आए अभ्यर्थियों को छांट दिया जाए तो असल में वैसे लोग, जो नए हैं और जिन्हें पहली बार नौकरी मिली है, वह 25 हजार से ज्यादा नहीं है।
BPSC के माध्यम से ली गई BPSC TRE, यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा में कुल 1.22 लाख अभ्यर्थी सफल हुए। उसमें से भी 10 हजार से अधिक बच्चे Councelling प्रक्रिया में हिस्सा लेने नहीं आ सके। जिसकी वजह से बहुत सारी सीटें रिक्त रह गई है। उन सीटों को विभाग दूसरे चरण में भरेगा।
BPSC TRE पर चल रहे विवाद पर Nitish Kumar ने भी दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब कुछ भी अंड भंड बोलता हैं। इन सब का बात ना सुना जाए। आपको बता दें कि 2 नवंबर को गांधी मैदान में सफल अभ्यर्थियों को CM Nitish Kumar नियुक्ति पत्र सौंपेंगे।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा का अंत अब नजदीक है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 2 नवम्बर को गांधी मैदान में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाना है.
बेरोजगारी का तमगा झेल रहे बिहार में यह पहला मौका होगा जो जब एक लाख 22 हजार अभ्यर्थियों को सरकार हाथों-हाथ सरकारी नौकरियां देने जा रही है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि इस प्रक्रिया में कई अभ्यर्थी ऐसे भी जो exam देने के बाद सफल तो हुए लेकिन फिर भी नौकरी लेने नहीं आये.
जी हां, लगभग 10 हजार से अधिक अभ्यर्थी BPSC द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद, न्यूनतम प्रवेश अंक पाने के बाद भी काउन्सलिंग के लिए नहीं आये. आपको बता दें कि परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद से जितने अभ्यर्थी सफल हुए हैं, उन्हें जोड़ दिया भी जाए तो 50 हजार से अधिक पद रिक्त रह जायेंगे.
दूसरे चरण में भरी जायेंगी खाली सीटें
शिक्षक भर्ती परीक्षा में दुसरे में चरण में इन खाली सीटों को भरने की योजना है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार जब अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देंगे, उसके बाद इन अभ्यर्थियों को 77 दिनों के लिए Induction Training में भेजा जाएगा.
जो पहले से नियुक्त शिक्षक है, उन्हें Training की जरूरत नहीं है. उन्हें सीधा संबंधित जिलों से जाकर Joining Letter लेना है. उसके बाद उन्हें अपने मूल विद्यालय में ही सेवा देनी है. छठ के बाद Software के माध्यम से शिक्षकों को उनके विद्यालय आवंटित किये जायेंगे.
ग्रामीण विद्यालयों में पहले होना आवंटन
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पहले ग्रामीण विद्यालयों को भरा जाएगा. 9वीं से 12वीं तक के शिक्षकों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में ही होगी. वहीं प्राथमिक शिक्षकों के भी यही हालात है.
हालांकि आवास की सुविधा के तहत, सरकार के पूरा प्रयास कर रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित शिक्षको के लिए आवास की सुविधा मुहैया करवाई जाए. इसके लिए मकान मालिकों से सरकार की तरफ से पत्राचार भी किया जा रहा है.
विवाद पर नहीं लग रहा है विराम
जब से BPSC के द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा ली गयी है, तभी से कोई न कोई विवाद इसके साथ चल रहा है. परीक्षा के Result आने के बाद से ही इसमें धांधली के आरोप लगे हैं. कई लोगों का कहना है कि इसमें कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को भी पास दिखाया गया है, जबकि बेहतर अंक लाने वाले को कोई स्थान नही दिया गया है. बहरहाल अब उन विवादों पर भी कल से बाद से पूर्ण विराम लग जायेगा.
