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Normal Delivery Signs: क्या आपको भी दिख रहे हैं ये 12 संकेत तो होगी नॉर्मल डिलीवरी!
Normal Delivery Signs की बात करें तो यह एक अनसुलझी पहेली सी है, लेकिन आखिरी दिनों में गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले बदलाव संकेत देते हैं कि डिलीवरी का सही समय आ चुका है। लेकिन जैसे हर प्रेग्नेंसी अलग होती है, उसी तरह ये शारीरिक बदलाव भी अलग होते हैं।

Normal Delivery Signs की बात करें तो यह एक अनसुलझी पहेली सी है, लेकिन आखिरी दिनों में गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले बदलाव संकेत देते हैं कि डिलीवरी का सही समय आ चुका है। लेकिन जैसे हर प्रेग्नेंसी अलग होती है, उसी तरह ये शारीरिक बदलाव भी अलग होते हैं।
नॉर्मल डिलीवरी के लक्षण और संकेत (Normal Delivery Signs And Symptoms)
नॉर्मल डिलीवरी (Normal Delivery) यानी वेजाइनल डिलीवरी (Vaginal Delivery) होने के संकेत कुछ दिनों पहले से ही आपके शरीर में दिखने शुरू हो जाते हैं। कई बार आपको बार-बार ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं। डिलीवरी होने से कुछ हफ्ते पहले से ही आपके शरीर में इसके लक्षण दिखने शुरू होते हैं। स्वस्थ और युवा महिला को आसानी से सामान्य प्रसव हो सकता है। सामान्य प्रसव या नॉर्मल डिलीवरी के लिए सक्रिय जीवनशैली, ब्लड प्रेशर भ्रूण की स्थिति सामान्य होनी चाहिए।

एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी सामान्य होगी या नहीं इसके लक्षण डिलीवरी के कुछ समय पहले से ही महिला के शरीर में दिखाई देते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि प्रेग्नेसी के अंतिम दिनों में दिखने वाले कुछ संकेत नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ा देते हैं। आइये जानते हैं प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में दिखने वाले कुछ लक्षण
1.शारीरिक बदलाव (physical changes)
डिलीवरी के कुछ हफ्ते पहले से महिला के शरीर में कुछ बदलाव दिखाई देते हैं। ऐसी स्थिति में जब महिला का शरीर सामान्य डिलीवरी के लिए तैयार होता है तो शिशु पेल्विस के हिस्से में पहुंच जाता है। डिलीवरी के आखिरी दिनों में पेल्विस के हिस्से में शिशु के आने से उसकी मूवमेंट कम हो जाती है। ऐसे में आप इन लक्षणों को देखकर सामान्य डिलीवरी का अंदाजा लगा सकते हैं।
2.रिलैक्सिन हार्मोन का प्रभाव (effect of relaxing hormone)
रिलैक्सिन हार्मोन के प्रभाव से जब पेल्विस और लिंगामेंट के हिस्से मुलायम महसूस होने से आप नॉर्मल डिलीवरी का अंदाजा लगा सकते हैं। सामान्य डिलीवरी होने से पहले आपके शरीर में रिलैक्सिन हॉर्मोन के कारण लिगामेंट्स और पेल्विक के हिस्से में मुलायम महसूस होता है और उस हिस्से में अलग तरह से मूवमेंट महसूस होती है।
3.गर्भाशय की ग्रीवा का फैलाव (cervical dilation)
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में सामान्य डिलीवरी से गर्भाशय की ग्रीवा अधिक चौड़ी हो जाती है। इसकी जांच चिकित्सक प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में कर सकते हैं।
4.बार-बार पेशाब (frequent urination)
महिला की गर्भावस्था के आखिरी महीने में अगर बार-बार पेशाब आने लगे तो इसे सामान्य डिलीवरी का संकेत माना जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बेबी ने अपनी हेड-डाउन पोजीशन ले ली है। प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में बार-बार पेशाब का आना शिशु के सिर से मूत्राशय पर पड़ने वाले दबाव के कारण होता है।
5.ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन (braxton hicks contractions)
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन जैसा महसूस होने को भी सामान्य डिलीवरी का संकेत माना जाता है। आखिरी कुछ हफ्तों में प्रसव जैसा दर्द महसूस होना भी इसका लक्षण होता है।
6.गुदा की मांसपेशी में परिवर्तन (anal muscle changes)
सामान्य डिलीवरी के संकेत के रूप में डिलीवरी के लिए गुदा की मांसपेशियों का रिलैक्स होना शुरू हो जाता है इसकी वजह से मल भी पतला आने लगता है।
7.वेजाइनल डिस्चार्ज (vaginal discharge)
बच्चे के सिर की वजह से वेजाइनल पर प्रेशर पड़ने लगता है और इससे म्यूकस प्लग निकल जाता है, जिससे भारी मात्रा में वेजाइनल डिस्चार्ज होने लगता है। ऐसा होने पर मतलब बिल्कुल साफ़ है – डिलीवरी का समय आ चुका है। यह डिस्चार्ज पिंक, सफ़ेद या फिर थोड़ा-सा खून से सना हो सकता है। यह नार्मल डिलीवरी का एक लक्षण है लेकिन इसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
8.डायरिया (diarrhea)
अब हार्मोन्स आपके शरीर में आंतक मचा रहे होते हैं जिससे आपको दर्द के साथ-साथ दस्त जैसी शिकायत भी होने लगती है। ऐसा होने से शरीर में मरोड़ या असहजता हो सकती है लेकिन इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं। आपका शरीर नार्मल डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा है।
9.बच्चा का नीचे आना (baby dropping)
इसका मतलब कि बेबी आपकी पेल्विस (श्रोणि) की तरफ़ बढ़ने लगता है। ऐसा ड्यू डेट से कुछ हफ़्तों पहले हो जाता है। एक नार्मल डिलीवरी में बेबी का सिर नीचे की तरफ़ होता है, जिसे एंटीरियर पोजिशन भी कहा जाता है। इससे पता चलता है कि बच्चा गर्भ से बाहर निकलने के लिए तैयार है।
10.नीचे और पीछे का दर्द (lower back pain)
जैसे ही बच्चा नीचे की ओर आ जाता है, आपको लोअर बैक में दर्द होने की शिकायत होने लगती है, क्योंकि बच्चा आपकी लोअर पेल्विक रीजन (श्रोणि में नीचे की ओर) में दबाव डालने लगता है, जिससे आपकी बैक पर दबाव आता है।
11.कॉन्ट्रैक्शन (Pregnancy contractions)
यह बिल्कुल पीरियड्स में होने वाले दर्द जैसा होता है लेकिन डिलीवरी का समय आने पर ये क्रैम्प्स तेज़ और बार-बार होने लगते हैं। इस तरह के कॉन्ट्रैक्शन नियमित, टाइट और हर बार पहले वाले से स्ट्रांग होने चाहिए, क्योंकि कई बार प्रेग्नेंसी के आख़िरी हफ़्तों में अनियमित कॉन्ट्रैक्शन होने लगते हैं, जो फाल्स लेबर का संकेत होते हैं।
12.वॉटर ब्रेक हो जाना (Water breaking)
ये लेबर आने और नार्मल डिलीवरी होने का श्योर साइन है। वॉटर बैग का ब्रेक होना मतलब एम्नियोटिक झिल्ली का फट जाना जिसका मतलब साफ़ है कि अब लेबर शुरू हो चुका है। इसका न ही कोई रंग होता है न ही कोई गंध।
- डिस्क्लेमरः यह जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य मात्र है। किसी भी तरह की जोखिम में चिकित्सकीय सलाह ही सर्वोपरि होगा, इस संबंध में mwn किसी प्रकार का जोखिम उठाने की जिम्मेदारी से कोई ताल्लुक नहीं रखता है।