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Pawan Singh लड़ेंगे निर्दलीय, काराकाट लोकसभा सीट पर किया ऐलान

Pawan Singh: BJP की मदद से दोबारा लोकसभा पहुंचने की कोशिश कर रहे राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का चुनावी संकट बढ़ गया है। पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से भाजपा का टिकट लौटा चुके भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह ने काराकाट से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पवन सिंह अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतर सकते हैं।
काराकाट में उपेंद्र कुशवाहा के सामने महागठबंधन से सीपीआई-एमएल के राजाराम सिंह कुशवाहा लड़ रहे हैं। महाबली सिंह कुशवाहा मौजूदा सांसद हैं लेकिन उनकी पार्टी जेडीयू को सीट मिली नहीं। आरा के रहने वाले Pawan Singh अभी बीजेपी के सदस्य हैं और पार्टी से आरा या फिर महाराजगंज से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने पवन सिंह की मांग को दरकिनार करते हुए आरा से आरके सिंह और महाराजगंज से जनार्दन सिग्रीवाल को टिकट दिया है।

पवन सिंह की लोकप्रियता के बावजूद, उनके निर्दलीय लड़ने पर बीजेपी की सोच की हार का संकेत है। काराकाट सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार नहीं होने से, पवन सिंह ने इस चुनावी मुकाबले को अपनी जिम्मेदारी समझा है।
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन की बाजी
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं, जिसमें रोहतास जिले की नोखा, डेहरी, काराकाट और औरंगाबाद जिले की गोह, ओबरा और नबीनगर शामिल हैं। पिछले चुनाव में महागठबंधन के साथ रहे उपेंद्र कुशवाहा और एनडीए की तरफ से जेडीयू के महाबली सिंह कुशवाहा लड़े थे।
काराकाट के वोटरों में यादव, कोइरी, और मुस्लिम मतदाताओं का बड़ा खंड है। राजपूत और भूमिहार के वोटर भी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा वैश्य, ब्राह्मण, और अन्य जातियों के वोट भी होते हैं।
Pawan Singh को राजपूत और भूमिहार वोट की आशंका
पवन सिंह के लड़ने पर राजपूत और भूमिहार का वोट निर्णायक हो सकता है। पवन सिंह का एलान काराकाट सीट पर उम्मीदवारी के लिए बीजेपी को चुनावी संघर्ष में आगे बढ़ाने की चुनौती देता है। उनकी लोकप्रियता के बावजूद, बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है, जिससे उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना पड़ रहा है। इससे साफ है कि बीजेपी ने पवन सिंह के साथ चुनावी संघर्ष करने की सोच की हार का संकेत दिया है।
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