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Ram Mandir: सनातन के अस्तित्व की आराध्य ईमारत

राम मंदिर अयोध्या, भारतीय हिन्दू इतिहास का एक महत्वपूर्ण और पवित्र स्थल है, जिसे विशेष धार्मिक महत्व का प्रतीक माना गया है। इसका निर्माण श्रीराम के स्वरुप को जीवंत रखने के लिए किया था और इसका इतिहास लक्ष्मण, हनुमान और अन्य दिव्य कथाओं से भरा हुआ है।
अयोध्या का नाम रामायण में उल्लिखित है और यह वही स्थल है जहाँ भगवान राम ने जन्म लिया था। एक मंदिर का निर्माण इस स्थल पर करवाया गया था. इसे आजकल ‘राम जन्मभूमि’ के नाम से जाना जाता है।
राम मंदिर का निर्माण सोमनाथ मंदिर के साथ काफी मिलता-जुलता है, जिसका निर्माण विजयनगर साम्राज्य के महाराजा अहिल्यादेव राय ने किया था। राम मंदिर का निर्माण भगवान राम के जीवन आदर्शों के अनुसार करवाया गया था और इसे भगवान की भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
मंदिर का निर्माण पहली बार 11वीं सदी में हुआ था, और इसके बाद कई बार नष्ट हुआ और पुनर्निर्माण किया गया। 16वीं सदी में मुग़ल सम्राट बाबर द्वारा बबरी मस्जिद का निर्माण कराया गया, जिसके बाद आयोध्या में राम मंदिर का नाम गायब हो गया।

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Lal Krishna Adwani की रथ यात्रा
राम मंदिर के निर्माण के लिए एक अहम योजना का हिस्सा थी आडवाणी की रथ यात्रा। 1990 में, स्वर्गीय श्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी रथ यात्रा की शुरुआत की और यह यात्रा बड़े ही धार्मिक भावनाओं के साथ निकाली गयी। इससे राम मंदिर के निर्माण की मांग को गति मिली और इसका परिणाम हुआ कि मंदिर निर्माण की भावना हर एक हिन्दू के मन में घर कर गयी.
Ram Mandir के लिए संघर्ष
1992 में Babri Masjid राम मंदिर के निर्माण की मांग के साथ हिंसक तरीके से तोड़ दी गई, जिससे बड़ी विवादित घटना हुई। यह घटना भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण चिरस्थायी समस्या बन गई. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस समस्या का निर्णय दिया, जिसमें राम मंदिर के निर्माण करने की अनुमति दी.

मंदिर वहीं बनाएंगे
Supreme Court के निर्णय के बाद, मंदिर का निर्माण फिर से प्रारंभ हुआ, और इसका निर्माण भगवान राम के जन्मस्थल पर हो रहा है। यह स्थल अब ‘राम जन्मभूमि’ के नाम से प्रसिद्ध है और यहाँ पर मंदिर के निर्माण का काम जोरदार गति से चल रहा है।
जनवरी में बनकर तैयार होगा राम मंदिर
राम मंदिर का निर्माण आगे बढ़ रहा है, और योजना है कि यह मंदिर जनवरी में बनकर तैयार हो जाएगा। 22 January को इसके उद्घाटन की तारिख तय की गयी है. यह एक महत्वपूर्ण घटना होगी जिसे भारतीय लोग उत्सव के रूप में मनाएंगे और इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में पहचान देंगे।