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Religious Tour Place:धार्मिक पर्यटन की दिशा में नई बुलंदियों को छूता उत्तर प्रदेश

Religious Tour Place के लिहाज से पहले भी उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में एक अलग महत्व रखता रहा है।

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Religious Tour Place in UP
Religious Tour Place of up

Religious Tour Place के लिहाज से पहले भी उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में एक अलग महत्व रखता रहा है। लेकन वर्तमान में अब यहां धार्मिक पर्यटन तेजी से आगे बढ़ रहा है। अयोध्‍या, काशी और मथुरा के जीर्णोद्धार ने इस राज्‍य को नई पहचान दी है। कमोवेश, इसका सकारात्‍मक असर राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था पर साफ तौर से दिखने लगा है। आंकड़ों की माने तो यूपी में धार्मिक पहचान रखने वाले जिलों में पर्यटकों की संख्‍या, उन जिलों के अनुपात में ज्‍यादा बढ़ी है, जो ऐतिहासिक पहचान रखते हैं।

Table of Contents

Religious Tour Place: धार्मिक स्थल बनने लगे हैं पर्यटन केन्द्र

उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों के ढांचागत एवं बुनियादी सुविधाओं में निवेश तेज हुआ है। बीते एक दशक में उत्तर प्रदेश में पर्यटन के आंकड़े देखें तो वर्ष 2020-21 तक आगरा पर्यटकों का सबसे पसंदीदा शहर रहा है। प्रतिवर्ष 1 करोड़ से ज्‍यादा पर्यटक आगरा आते रहे हैं। अन्‍य जिलों में यह आंकड़ा लाखों तक सिमट कर रहा जाता था, लेकिन वर्ष 2021-22 से बनारस पर्यटकों का सबसे पसंदीदा शहर बन गया है। इस प्रकार धार्मिक पर्यटन ने राज्‍य में रोजगार की नई संभावनाओं को जन्‍म दिया है।

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Religious Tour Place: धार्मिक पर्यटन में नंबर वन है यूपी

मौजूदा आंकड़ों के अनुसार यूपी धार्मिक पर्यटकों के मामले में नंबर एक हो गया है। इतना ही नहीं जानकारों का कहना है कि राम मंदिर निर्माण पूर्ण होने के बाद धार्मिक पर्यटन के लिहाज से अयोध्‍या राज्‍य का सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाला जिला बन जायेगा। धार्मिक पर्यटन में श्रीराम मंदिर निर्माण के पूर्व ही उत्तर प्रदेश ने सारे रिकॉर्ड ध्‍वस्‍त कर दिये हैं। धार्मिक पर्यटन में दशकों से अग्रणी रहे तमिलनाडु को उत्‍तर प्रदेश ने बनारस के बल पर पीछे छोड़ दिया है। तमिलनाडु में 2022-23 में लगभग 22 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे, जिसे केवल काशी और मथुरा पहुंचे 23 करोड़ पर्यटकों की बदौलत उत्‍तर प्रदेश ने पीछे कर दिया है।

पर्यटकों को लुभाया काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर

काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से बनारस आने वाले पर्यटकों की सख्‍या में तेजी से इजाफा हुआ है। वर्ष 2021-22 में 31.85 करोड़ पर्यटक यूपी आये। इस वर्ष पहली बार बनारस ने पर्यटकों के मामले में आगरा को पीछे छोड़ दिया। आगरा में जहां 1.03 करोड़ पर्यटक पहुंचे, वहीं बनारस में पर्यटकों की संख्‍या 8.06 करोड़ को पार कर गई। मथुरा में 6.53 करोड़, प्रयागराज में 2.60 करोड़, अयोध्‍या में 2.39 करोड़ पर्यटक आये। अयोध्‍या में राम मंदिर का निर्माण हो जाने के बाद इस आंकड़े में और तेजी आयेगी।

रामेश्‍वरम और कन्‍याकुमारी से भी आगे है यूपी

इस वर्ष उत्‍तर प्रदेश में 36.58 करोड़ से ज्‍यादा पर्यटक आये। बीते एक दशक से तमिलनाडु रामेश्‍वरम और कन्‍याकुमारी जैसे धार्मिक स्‍थलों की बदौलत धार्मिक पर्यटन में नंबर वन रहा है। इस साल रामेश्‍वरम में 10 करोड़, कन्‍याकुमारी में 7 करोड़, धनुषकोड़ी में 4 करोड़ तथा वन्‍य अभ्‍यारण में एक करोड़ पर्यटक पहुंचे। इस अवधि में उत्‍तर प्रदेश के काशी में 12 करोड़, मथुरा में 11 करोड़, अयोध्‍या में 6 करोड़ प्रयागराज में 4.58 करोड़, विंघ्‍याचल में 1.6 करोड़ श्रद्धालु पर्यटक पहुंचे। आगरा में भी एक करोड़ पर्यटक पहुंचे। वर्ष 2016 में यूपी आने वाले सैलानियों की संख्‍या 21.67 करोड़ थी, जो 2022-23 में बढ़कर 36.58 करोड़ तक पहुंच गई है।

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अब राम मंदिर से पर्यटन की अपार संभावनाएं

बीते एक दशक में उत्‍तर प्रदेश के पर्यटन आंकड़ों को देखें तो आगरा पर्यटकों का सबसे पसंदीदा शहर रहा है। 2021 तक यही स्थिति बनी रही। बनारस में यह आंकड़ा 75 लाख तक था, लेकिन 2022 के बाद परिस्थिति बदल चुकी है। यह संभव हुआ है, काशी विश्‍वानाथ कॉरिडोर निर्माण के बाद। बनारस उत्‍तर प्रदेश का सबसे ज्‍यादा पर्यटकों के पसंद वाला जिला बन चुका है। उम्‍मीद है कि अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण हो जाने के बाद ना केवल उत्तर प्रदेश की पहचान बदलेगा बल्कि धार्मिक पर्यटन में और ज्‍यादा उछाल आयेगा। ताजमहल से पहचाने जाने वाले प्रदेश की नई पहचान काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर के बाद अयोध्‍या श्रीराम जन्‍मभूमि होने जा रहा है।

पर्यटन संजीवनी बनने की राह पर अयोध्या

केंद्र की मोदी सरकार एवं उत्‍तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ की सरकार जिस तरह से अयोध्‍या का जीर्णोद्धार कर रही है, उस लिहाज से यह शहर ही नहीं आसपास के पिछड़े जिलों को भी संजीवनी मिलेगी। अयोध्‍या से सड़क कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी बेहतर होने से अयोध्‍या उत्‍तर प्रदेश के धार्मिक, आर्थिक एवं सामाजिक विकास का इंजन बनेगा। इसके लिए केवल अयोध्या में एयरपोर्ट ही नहीं शुरु हुआ है।

बतो दें कि अयोध्या रेलवे स्टेशन के साथ अयोध्या कैण्ट और दर्शन नगर स्टेशनों का भी विकास किया जा रहा है। लखनऊ से अयोध्या जौनपुर बनारस रेलखंड का दोहरीकरण हो रहा है। बनारस, प्रयागराज और विन्ध्याचल से अयोध्या को फोरलेन सड़कों के माध्यम से जोड़ा जा रहा है ताकि पर्यटक या श्रद्धालु आसानी से इस काशी-प्रयाग-अयोध्या सर्किट का भ्रमण कर सके।

अयोध्या का कायाकल्प, यूपी का बल्ले बल्ले

अब बुनियादी ढांचे की मजबूती के साथ उपेक्षित हो चुकी अयोध्या का पुनर्निमाण निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन के दृष्टिकोण से नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। अयोध्‍या की बड़ी आबादी दो वक्‍त की रोटी के लिये प्रवासी बनने को मजबूर रही है। अब इस बदहाली और मजबूरी का भी अंत होने जा रहा है। भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण आस्‍था का नया केंद्र बनने के साथ उत्‍तर प्रदेश के आर्थिक विकास की धुरी भी बनने जा रहा है, जिसका लाभ अयोध्‍यावासियों समेत पूरे राज्‍य को मिलेगा। राम मंदिर का निर्माण केवल आस्‍था एवं संस्‍कृति का ही वाहक नहीं बल्कि अर्थव्‍यस्‍था का संवाहक भी होने जा रहा है।

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट का शुभारंभ

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन व रेलवे लाइन दोहरीकरण के साथ कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात अयोध्या को दे चुके हैं। महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट का उद्धाटन 30 दिसंबर 2023 की तिथि अयोध्या के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया। 1462.97 करोड़ रुपये की लागत से बना महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ ही अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव की याद दिलाता है। यह पूरी तरह से श्रीराम के जीवन से प्रेरित है तथा ‘नागर शैली’ के आधार पर इसका विकास किया गया है। जो निःसंदेह पर्यटकों के सुविधा के साथ-साथ आकर्षक का केन्द्र भी बनेगा।