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Security Breach: संसद की कड़ी सुरक्षा में सेंध, उठा धुंआ का गुब्बार, Visitor glary से कूदे आरोपी

Security Breach:13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर शीतकालीन सत्र के दौरान एक बार फिर सुरक्षा में चूक

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13 दिसंबर को संसद पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी को देश की संसद के भीतर शीतकालीन सत्र के दौरान एक बार फिर सुरक्षा में चूक (Security Breach) हुई है। संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई सेंधमारी की घटना में शामिल छह में से पांच आरोपियों को पकड़ लिया गया है।

कमिटी गठित, जांच के आदेश

संसद की सुरक्षा में चूक (Security Breach) के मामले ने तूल पकड़ लिया और विपक्षी सांसद सुरक्षा व्यवस्था (Security System) पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस बीच गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। लोकसभा सचिवालय ने मामले की जांच कराने को कहा था, इसके बाद सीआरपीएफ (CRPF) के डीजी अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में 200 पुलिस अधिकारियों की टीम तैयार की है, जिसमें 20 इंस्पेक्टर शामिल हैं. इसके अलावा इस पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय ने ली है. अभी तक इस मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है,जबकि एक आरोपित फरार चल रहा है।

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पहले से ही रची गई थी साजिश

Security Breach की घटना को लेकर पुलिस का मानना है कि सोची समझी साजिश के तहत छह आरोपियों ने संसद की सुरक्षा को सिरे से खारिज कर दिया। आरोपी अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया। उनके दो और साथी ललित और विशाल भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया, जबकि ललित को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस छापेमारी कर रही है।

Security Breach की घटना की जड़ें

सुरक्षा में सेंध (Security Breach) मामले में सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूदे और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस को फैलाते हुए नारेबाजी की। सूत्रों के मुताबिक, पांच लोग संसद में आने से पहले गुरुग्राम में विशाल के आवास पर रुके थे। सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला। सूत्रों ने बताया कि उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन्हें किसी व्यक्ति या किसी संगठन का समर्थन था? पूछताछ में अमोल ने बताया कि वे किसान आंदोलन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से परेशान थे, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।

‘कलर स्मॉग’ का प्रयोग

संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा सदन में हुई Security Breach की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को होश उड़ा दिया हैं। इस घटना को देखकर वहां पर मौजूद सासंदों और सुरक्षा कर्मियों के हाथ पांव फूल गए। आरोपी ने वहां मौजूद सांसदों की सीट पर हंगामे के दौरान ‘कलर स्मॉग’ छोड़ दिया। जिसके बाद सदन में अफरातफरी का मौहाल बन गया था। सभी सांसद अपनी-अपनी जगहों से हट गए। हालांकि एक आरोपी को वहां मौजूद सांसदों और सुरक्षा कर्मियों ने काफी मशक्कत के बाद पकड़ लिया और जमकर धुनाई की।

किसी संघठन की साजिश से इंकार

संसद भवन की सुरक्षा में चूक (Security Breach) को लेकर सूत्रों ने बताया कि सब कुछ पूरी प्‍लानिंग के साथ किया गया। साजिश में कुल छह लोग शामिल थे।दिल्ली पुलिस के मुताबिक, संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में प्रारंभिक जांच विवरण से जानकारी मिली है कि दो लोग नीलम और अमोल (परिसर के अंदर संसद भवन के बाहर पकड़े गए) मोबाइल फोन नहीं ले जा रहे थे। उनके पास कोई बैग या पहचान पत्र नहीं था। उनका दावा है कि वे खुद संसद पहुंचे और उन्होंने किसी भी संगठन से जुड़ने से इनकार किया है। पूछताछ के लिए पुलिस बना रही विशेष टीम है।

14 दिसंबर को प्रभावित रहेगा सत्र

संसद में सुरक्षा उल्लंघन (Security Breach) पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आज जो घटना हुई वह हम सभी के लिए चिंता का विषय है और गंभीर भी है। उच्च स्तरीय जांच की जा रही है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सदन में सुरक्षा को लेकर व्यापक समीक्षा की जाएगी और सदन 14 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद की सुरक्षा में चूक के बाद सख्ती

मामले की गंभीरता को देखते हुए लोकसभा महासचिव ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया कि अगले आदेश तक दर्शन दीर्घा के लिए कोई भी पास जारी नहीं करने का निर्णय लिया गया है। सूत्रों की मानें तो स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों के निजी सहायकों को पास जारी करने से संबंधित मामले की भी जिम्मेदारी संभाल ली है।

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