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Hyderabad University में धरना: Telangana सरकार की विवादास्पद भूमि योजना के खिलाफ Students का मोर्चा

Hyderabad University में छात्र आंदोलन! तेलंगाना सरकार की भूमि विकास योजना पर उठा विवाद
Hyderabad : Hyderabad University के छात्रों ने शनिवार को University परिसर में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने Telangana सरकार की विवादास्पद भूमि विकास योजना का विरोध किया। छात्र संघ के आह्वान पर आयोजित इस विरोध March में छात्रों ने राज्य सरकार के खिलाफ तीखे नारे लगाए और मुख्यमंत्री Revanth Reddy द्वारा हाल ही में दिए गए बयान का विरोध किया। छात्रों ने University परिसर में तेलंगाना सरकार का पुतला दहन करने की कोशिश की , जिसके बाद Police और Students के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई।
क्या है विवाद?
Hyderabad University के छात्रों का आरोप है कि तेलंगाना सरकार ने कांचा गाचीबोवली क्षेत्र में लगभग 400 एकड़ भूमि पर विकास कार्यों का प्रस्ताव रखा है। इस भूमि पर ‘आईटी पार्क’ और अन्य व्यावसायिक परियोजनाओं को स्थापित करने की योजना है। छात्रों का कहना है कि यह भूमि University से जुड़ी हुई है और इसे राज्य सरकार द्वारा नीलाम किया जा रहा है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर इस योजना को रद्द नहीं किया गया, तो वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
इसके अलावा , छात्र संघ ने मुख्यमंत्री Revanth Reddy द्वारा विधानसभा में दिए गए बयानों की भी आलोचना की है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में आरोप लगाया था कि University के छात्रों को उकसाया जा रहा है और इस भूमि विकास योजना के खिलाफ जनहित याचिकाएं दायर की जा रही हैं।
Police और Students के बीच झड़प
प्रदर्शन के दौरान जब छात्र सरकार का पुतला जलाने का प्रयास कर रहे थे, तो Police के साथ उनकी झड़प हो गई। छात्रों का कहना है कि उनका प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। छात्र संघ ने इस मुद्दे पर एक विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा, “हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस ने पुतला छीनने की कोशिश की, लेकिन छात्र संघ ने विरोध जारी रखा और सरकार का पुतला जलाया।”
छात्रों का यह भी कहना था कि वे अपनी आवाज़ उठाने के अधिकार का उल्लंघन नहीं होने देंगे और सरकार से मांग करते हैं कि वह अपनी भूमि नीलामी योजना को तुरंत रद्द करे और इस भूमि को University के नाम पर पंजीकृत करे।
मुख्यमंत्री का बयान और सरकार का रुख
मुख्यमंत्री Revanth Reddy ने विधानसभा में बयान देते हुए कहा था कि इस भूमि का University से कोई संबंध नहीं है। उनका कहना था कि यह भूमि Hyderabad शहर के ‘आईटी हब’ और वित्तीय जिले के पास स्थित है, और राज्य सरकार का उद्देश्य यहां बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करना, आईटी पार्क स्थापित करना और रोजगार सृजन करना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह भूमि कभी भी विश्वविद्यालय को हस्तांतरित नहीं की गई थी, और इसे राज्य सरकार के पास ही रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि University के छात्रों को इस मुद्दे पर उकसाया जा रहा है, और विरोध करने के लिए कुछ बाहरी तत्वों की भूमिका है। हालांकि, छात्रों और पर्यावरण संरक्षण समूहों ने इस परियोजना का विरोध किया है, उनका कहना है कि यह योजना पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा
इस विवाद के पीछे एक और महत्वपूर्ण मुद्दा पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है। कई छात्र और सामाजिक संगठन इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे आसपास के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा।University के अधिकारियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि यह भूमि 1974 से राज्य सरकार के स्वामित्व में है, लेकिन कभी भी इसे University के नाम पर हस्तांतरित नहीं किया गया।
अगला कदम क्या होगा?
यह आंदोलन तब से उग्र हो गया है जब से छात्रों ने 13 मार्च को इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना है कि वे तब तक अपना विरोध जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। उनके प्रमुख सवाल यह है कि सरकार इस भूमि का इस्तेमाल कैसे कर सकती है, जबकि यह भूमि University से जुड़ी हुई है।
अब यह देखना होगा कि तेलंगाना सरकार इस आंदोलन के प्रति क्या रुख अपनाती है और क्या वह छात्रों की मांगों पर गौर करती है या फिर यह विवाद और बढ़ता है।
Hyderabad University के इस आंदोलन ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सरकारों को सार्वजनिक संस्थानों की भूमि के उपयोग में पारदर्शिता और छात्रों के हितों का ध्यान रखना चाहिए। यह मामला अब केवल एक University तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य और देश के शिक्षा जगत और पर्यावरण के मुद्दों से जुड़ा हुआ है।